कोरबा, छत्तीसगढ़ | 16 मई 2025
कोरबा जिले के दीपका क्षेत्र में गुरुवार देर शाम एक बड़ा हादसा हो गया, जब एक ट्रेलर के डीजल टैंक में वेल्डिंग करते समय तेज धमाका हुआ और देखते ही देखते पूरे वाहन में भीषण आग लग गई। इस दुर्घटना में एक वेल्डर बुरी तरह झुलस गया, जिसे तत्काल प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर हालत में बिलासपुर रेफर किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह हादसा दीपका थाना क्षेत्र अंतर्गत एक निजी परिवहन कंपनी के गैरेज में हुआ, जहां एक भारी ट्रेलर की मरम्मत का कार्य चल रहा था। ट्रेलर के डीजल टैंक में लीकेज होने की वजह से उसमें वेल्डिंग का काम किया जा रहा था। उसी दौरान वेल्डिंग की चिंगारी डीजल टैंक में जा गिरी, जिससे टैंक में जबरदस्त विस्फोट हुआ और आग लग गई।
धमाके से गूंज उठा इलाका
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धमाका इतना जोरदार था कि आसपास के मकानों की खिड़कियां हिल गईं और कई लोग भयभीत होकर घरों से बाहर निकल आए। घटनास्थल पर मौजूद कर्मचारी भी जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे। देखते ही देखते ट्रेलर आग की लपटों में घिर गया। गैरेज में अफरा-तफरी मच गई और लोगों ने तुरंत अग्निशमन विभाग को सूचना दी।
वेल्डर गंभीर रूप से झुलसा, बिलासपुर रेफर
हादसे में झुलसे व्यक्ति की पहचान 32 वर्षीय रमेश यादव के रूप में हुई है, जो उसी गैरेज में वेल्डिंग का काम करता था। हादसे के समय वह अकेले ही डीजल टैंक पर वेल्डिंग कर रहा था। विस्फोट की चपेट में आकर रमेश का शरीर 60 प्रतिशत तक झुलस गया है। प्राथमिक उपचार के बाद उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे बिलासपुर के सिम्स अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
डॉक्टरों के मुताबिक, रमेश की हालत नाजुक बनी हुई है और उसे आईसीयू में रखा गया है। झुलसे हिस्सों का इलाज जारी है, लेकिन उसकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है।
फायर ब्रिगेड ने पाया आग पर काबू
सूचना मिलने पर दीपका से फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और लगभग एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। हालांकि तब तक ट्रेलर पूरी तरह जल चुका था। आग की चपेट में आने से आसपास खड़ी दो अन्य गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचा है, लेकिन समय रहते उन्हें हटाने से बड़ा नुकसान टल गया।
प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा, जांच के आदेश
हादसे की सूचना मिलते ही दीपका थाना पुलिस और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि सुरक्षा मानकों का पालन किए बिना डीजल टैंक में वेल्डिंग की जा रही थी। न तो डीजल टैंक को खाली किया गया था और न ही वेल्डिंग से पहले उसमें किसी तरह की सुरक्षा जांच की गई थी।
थाना प्रभारी ने बताया कि घटना की विस्तृत जांच की जा रही है और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल गैरेज मालिक और अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
फायर सेफ्टी विशेषज्ञों के अनुसार, डीजल टैंक में वेल्डिंग से पहले उसे पूरी तरह खाली करके कई बार धोना आवश्यक होता है। इसके साथ ही टैंक में विस्फोटक गैस की मौजूदगी की जांच करना भी जरूरी होता है। बिना इन सावधानियों के वेल्डिंग करना जानलेवा साबित हो सकता है।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
घटना के बाद स्थानीय लोगों में प्रशासन और गैरेज संचालकों के प्रति नाराजगी देखी गई। लोगों का कहना है कि इस तरह की गैरेजों में सुरक्षा के बुनियादी उपाय तक नहीं किए जाते। स्थानीय निवासी रवि साहू ने कहा, "अगर समय रहते आग फैल जाती तो आस-पास के घरों को भी खतरा हो सकता था। प्रशासन को इस तरह के गैर जिम्मेदाराना कार्यशालाओं पर सख्ती से रोक लगानी चाहिए।"