"आज छूटेंगे सौम्या-रानू समेत छह आरोपी: पासपोर्ट होंगे जमा, छत्तीसगढ़ से बाहर रहने का निर्देश"

              सौम्या चौरसिया दिसंबर 2022 में गिरफ्तार हुई थी। वहीं रानू साहू की जुलाई 2023 में गिरफ्तारी हुई थी।

रायपुर, 31 मई 2025:
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाले में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। इस केस में जेल में बंद छह प्रमुख आरोपियों को आज अंतरिम जमानत पर रिहा किया जा रहा है। जिन नामों की सबसे अधिक चर्चा है, उनमें निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, पूर्व मुख्यमंत्री की उप सचिव सौम्या चौरसिया, और कोल कारोबारी सूर्यकांत तिवारी शामिल हैं। 



                                                      ये 6 आरोपी हो रहे रिहा


                                                    

सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत, लेकिन लगाई शर्तें

सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच, जिसमें जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता शामिल थे, ने इन आरोपियों की अंतरिम जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए रिहाई की मंजूरी दी। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि सभी आरोपी जब तक ट्रायल पूरा नहीं हो जाता, तब तक छत्तीसगढ़ में नहीं रह सकेंगे

कोर्ट के आदेश के अनुसार, रिहाई के बाद ये सभी आरोपी एक सप्ताह के भीतर राज्य के बाहर अपना ठिकाना बताएंगे और संबंधित थाने में इसकी सूचना देंगे। इसके साथ ही, उनका पासपोर्ट विशेष अदालत में जमा करना अनिवार्य होगा। अदालत ने यह भी कहा कि आरोपी जांच एजेंसियों और ट्रायल कोर्ट के समक्ष आवश्यकतानुसार उपस्थित होते रहेंगे।

ईडी का आरोप: 570 करोड़ की अवैध वसूली

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से दायर रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ में कोयले के परिवहन और परमिट प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। ईडी ने दावा किया कि ऑनलाइन परमिट सिस्टम को ऑफलाइन कराकर, कोयला व्यापारियों से प्रति टन 25 रुपये की अवैध लेवी वसूली की गई। इस पूरे रैकेट से करीब 570 करोड़ रुपये की अवैध उगाही की गई।

मास्टरमाइंड बताया गया सूर्यकांत तिवारी को

ईडी की जांच में कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को इस घोटाले का मास्टरमाइंड बताया गया है। आरोप है कि तिवारी के इशारे पर सिंडिकेट बनाकर पूरे राज्य में कोयला व्यापारियों से उगाही की जाती थी। जो व्यापारी उसकी शर्तों के अनुसार पैसा देता था, उसे ही खनिज विभाग द्वारा पीट पास और परिवहन पास जारी किया जाता था।

आरोपी अफसरों की भूमिका

इस मामले में निलंबित आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और रानू साहू की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई। ईडी के अनुसार, समीर विश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को खनिज विभाग के संचालक के रूप में आदेश जारी कर परमिट सिस्टम को बदलने की शुरुआत की थी, जिससे अवैध वसूली को संस्थागत रूप दिया गया।

सौम्या चौरसिया पर आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री की उप सचिव रही सौम्या चौरसिया पर भी गंभीर आरोप लगे हैं। ईडी का कहना है कि उन्होंने इस पूरी योजना को राजनीतिक संरक्षण देने में भूमिका निभाई। सौम्या को दिसंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में थीं।

अब तक 36 नामजद आरोपी, जांच तेज

कोयला घोटाले में अब तक 36 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें 2 पूर्व मंत्री, वर्तमान और पूर्व विधायक, तथा कई अफसर और व्यापारी शामिल हैं। ईडी और एसीबी (ACB) की रिपोर्ट के आधार पर EOW (आर्थिक अपराध शाखा) ने भी जांच तेज कर दी है।

जेल में बंद अन्य आरोपी

फिलहाल इस घोटाले के मामले में जेल में बंद अन्य प्रमुख आरोपियों में संदीप नायक लक्ष्मीकांत, शिव शंकर नाग, मोइनुद्दीन कुरैशी, रोशन सिंह, निखिल चंद्राकर, परेश कुर्रे, राहुल कुमार, वीरेंद्र जायसवाल, हेमंत जायसवाल और चंद्र प्रकाश जायसवाल शामिल हैं।

आगे क्या?

कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यह अंतरिम जमानत है और आरोपियों की जांच में भागीदारी अनिवार्य है। यदि वे शर्तों का उल्लंघन करते हैं तो उनकी जमानत रद्द की जा सकती है। उधर ईडी और ACB द्वारा अदालत में अंतिम चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी भी तेज हो गई है।


यह मामला न केवल छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक और राजनीतिक संरचना पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भ्रष्टाचार का जाल किस कदर गहराई तक फैला हुआ है। आने वाले समय में इस घोटाले से जुड़े और नाम सामने आ सकते हैं। अदालत की सख्ती के बाद अब सबकी निगाहें इस केस की अगली सुनवाई और फैसले पर टिकी होंगी।

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