कबीरधाम, 10 जून 2025
देशभर के 16 राज्यों में फैले 2.5 करोड़ रुपये से अधिक की साइबर ठगी के मामले में कबीरधाम पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड सत्यनारायण उर्फ सत्या दुबे को गिरफ्तार किया है, जो म्यूल अकाउंट्स के जरिए इस संगठित साइबर ठगी को अंजाम दे रहा था। यह गिरफ्तारी भोरमदेव थाना क्षेत्र में दर्ज प्रकरण के तहत की गई है।
पहले से पकड़ा गया आरोपी उगल रहा राज
इस मामले में इससे पहले 7 जून को नामदेव साहू नामक आरोपी को पुलिस ने हिरासत में लिया था। पूछताछ के दौरान उसने इस गिरोह की पूरी साजिश का खुलासा करते हुए मास्टरमाइंड सत्यनारायण का नाम बताया था। नामदेव से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने 8 जून को सत्या दुबे को भी धर दबोचा।
तीसरे आरोपी की तलाश जारी
पुलिस की जांच में सामने आया है कि इस गिरोह का तीसरा सदस्य भी ठगी की प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभा रहा था। उसकी पहचान हो चुकी है और उसकी गिरफ्तारी के लिए साइबर क्राइम की विशेष टीम को रायगढ़ भेजा गया है।
ऐसे होती थी साइबर ठगी
जांच में यह भी उजागर हुआ है कि यह गिरोह साइबर ठगों को बैंक खाते उपलब्ध कराता था, जो म्यूल अकाउंट के रूप में इस्तेमाल किए जाते थे। इसके अलावा एटीएम कार्ड, मोबाइल नंबर और अन्य जरूरी दस्तावेज भी ठगों को मुहैया कराए जाते थे। ठगी के बाद खातों में आई रकम को कमीशन के आधार पर आपस में बांटा जाता था। पुलिस के अनुसार, आरोपी खाते को होल्ड करवाकर उसमें रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर भी बदलवा देते थे, ताकि किसी भी संभावित ट्रैकिंग से बचा जा सके।
सुनियोजित अपराध की पुष्टि
पुलिस ने प्राथमिक जांच के आधार पर माना है कि यह एक सुनियोजित और संगठित अपराध का मामला है। इसलिए अब इस केस में भारतीय न्यायदंड संहिता (BNS) की धारा 111 (3) – संगठित अपराध और धारा 61 (2) – आपराधिक षड्यंत्र को भी जोड़ा गया है। इन धाराओं के तहत दोषी पाए जाने पर कड़ी सजा का प्रावधान है।
पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई
कबीरधाम पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में विशेष टीम गठित कर जांच को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की भी पहचान की जा रही है और जल्द ही पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जाएगा।
देशभर के पीड़ितों से अपील
पुलिस ने देशभर के नागरिकों से अपील की है कि यदि उनके साथ किसी भी प्रकार की ऑनलाइन धोखाधड़ी हुई है तो वे तुरंत अपने नजदीकी पुलिस थाने या साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं। इस गिरोह की पहुंच कई राज्यों में थी, इसलिए जांच का दायरा भी व्यापक किया गया है।