कोरबा जिला जेल के बाहर फन फैलाकर बैठा 7 फीट का नाग, रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित पकड़ा


 

जेलकर्मियों में मची अफरा-तफरी, स्नेक कैचर ने लोगों को दी सतर्क रहने की सलाह

कोरबा, 13 जून — जिले की केंद्रीय जेल में उस वक्त हड़कंप मच गया जब मुख्य द्वार पर एक विशालकाय नाग फन फैलाकर बैठा मिला। यह घटना 12 जून की रात की है, जब जेल की सुरक्षा में तैनात पहरेदार की नजर सांप पर पड़ी। इसके बाद पूरे परिसर में अफरा-तफरी मच गई। तत्काल जेल प्रशासन ने वाइल्डलाइफ रेस्क्यू टीम प्रमुख जितेंद्र सारथी को सूचना दी।

सूचना मिलते ही सारथी ने अपनी टीम के सदस्य राजू बर्मन को मौके पर भेजा। रेस्क्यू टीम के पहुंचने तक जेलकर्मियों को नाग पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए गए। रेस्क्यू ऑपरेशन सफल रहा और नाग को सुरक्षित पकड़ लिया गया।

जिला जेल जंगल से सटी होने के कारण यहां अक्सर वन्य जीवों की आवाजाही बनी रहती है। सांपों का दिखना कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस तरह मुख्य द्वार पर एक बड़े नाग का दिखाई देना सुरक्षा की दृष्टि से चिंताजनक जरूर था।

लोगों को दी गई सतर्कता की सलाह

रेस्क्यू टीम प्रमुख जितेंद्र सारथी ने बताया कि गर्मी और बरसात के बीच के इस मौसम में सांपों की गतिविधियां बढ़ जाती हैं। ग्रामीण और शहरी इलाकों से लगातार कॉल आ रहे हैं, जिनमें सांपों को रेस्क्यू करने के लिए मदद मांगी जा रही है।

उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे सांपों को देखकर घबराएं नहीं और खुद से उन्हें पकड़ने या भगाने का प्रयास न करें। उन्होंने बताया कि “पिटपीटी, फोदकु, डोडिया और धमना जैसे विषहीन सांप हमारे पर्यावरण के लिए बेहद जरूरी हैं। ये चूहों की जनसंख्या को नियंत्रित करते हैं और खेतों के अनुकूल पारिस्थितिकी बनाए रखते हैं।”

वहीं नाग, करैत और अहिराज जैसे जहरीले सांपों से दूर रहने की सलाह दी गई है। सारथी ने यह भी चेताया कि अजगर जैसे विशालकाय सांप शिकार को कुंडली मारकर दम घोंट सकते हैं, इसलिए इनसे भी सावधानी जरूरी है।

रेस्क्यू के बाद नाग को सुरक्षित जंगल में छोड़ा गया

रेस्क्यू टीम ने बताया कि पकड़े गए नाग को स्वास्थ्य जांच के बाद सुरक्षित रूप से उसके प्राकृतिक आवास यानी जंगल में छोड़ दिया गया है। यह प्रक्रिया पूरी तरह वन विभाग की निगरानी में की गई।

नाग का दिखना संकेत: जंगलों में बढ़ रही हलचल

विशेषज्ञों के अनुसार, लगातार हो रहे वनों की कटाई और मानव आबादी के विस्तार के कारण वन्य जीव अब मानव बस्तियों की ओर बढ़ रहे हैं। यह घटना भी इसी कड़ी का एक उदाहरण मानी जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अगर कभी इस तरह की स्थिति सामने आए तो तुरंत वन विभाग या वाइल्डलाइफ रेस्क्यू टीम को सूचना दें।


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