कबीरधाम, 3 जून 2025 — कबीरधाम जिले के बोड़ला थाना क्षेत्र में एक बड़े साइबर ठगी के मामले का पर्दाफाश हुआ है। ग्राम सूरजपुरा निवासी मोहन लाल जायसवाल ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म टेलीग्राम के माध्यम से जुड़कर साइबर अपराधियों के साथ मिलकर करीब डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया। पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी ने अपने माता-पिता और परिजनों के नाम पर 18 लोगों से फर्जी तरीके से बैंक खाते खुलवाए और उनका उपयोग ठगी में किया।
कमीशन के लालच में बना म्यूल अकाउंट ऑपरेटर
आरोपी मोहन लाल ने HK Pay और AC Pay जैसे टेलीग्राम चैनलों के माध्यम से घर बैठे पैसे कमाने के झांसे में आकर साइबर अपराधियों से संपर्क साधा। अपराधियों के कहने पर वह आम लोगों के बैंक खाते खुलवाकर उसमें आने वाली राशि को आगे दिए गए खातों में ट्रांसफर करता था। बदले में उसे प्रत्येक लेन-देन पर 10 प्रतिशत कमीशन मिलता था।
अपने ही परिजनों के नाम पर खुलवाए बैंक खाते
जब आरोपी के स्वयं के बैंक खाते साइबर ठगी में फंसने के कारण फ्रीज़ कर दिए गए, तब उसने अपने माता-पिता और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर विभिन्न बैंकों — जैसे बंधन बैंक, डीसीबी बैंक, आईडीबीआई, कोटक महिंद्रा, केनरा बैंक, एचडीएफसी, इंडिया पोस्ट बैंक और पीएनबी — में खाते खुलवाए और उनका दुरुपयोग किया।
साइबर पोर्टल पर शिकायत के बाद हुआ खुलासा
घटना की जानकारी तब सामने आई जब साइबर पोर्टल पर पीड़ितों ने ठगी की शिकायत दर्ज करवाई। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि मोहन लाल द्वारा प्रयोग किए गए खातों से लाखों रुपये का लेन-देन हुआ है, जो मनी लॉन्ड्रिंग के दायरे में आता है।
पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
कबीरधाम पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि मोहन लाल जायसवाल ने जानबूझकर और सुनियोजित तरीके से अपने खातों को साइबर ठगी के लिए उपयोग में लिया। आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 317(4), 318(2) और 61(2) के तहत पोड़ी चौकी में मामला दर्ज कर लिया गया है।
जांच में कई और नाम आने की संभावना
पुलिस का मानना है कि इस नेटवर्क में और भी लोग शामिल हो सकते हैं जो म्यूल अकाउंट्स के माध्यम से साइबर अपराधियों की मदद कर रहे हैं। आरोपी से पूछताछ जारी है और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
सावधानी ही सुरक्षा है: पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी अनजान लिंक, मोबाइल ऐप या टेलीग्राम चैनल के झांसे में आकर अपने बैंक खाते या दस्तावेज किसी के साथ साझा न करें। साइबर ठगी के मामलों में सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है।