रायपुर, 22 जुलाई 2025 – राजधानी रायपुर के अभनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बिरोदा में हुए एक बुजुर्ग दंपत्ति की नृशंस हत्या के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाला कोई बाहरी नहीं बल्कि गांव का ही एक झोलाछाप डॉक्टर निकला। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
घटना 16 जुलाई की है, जब बिरोदा के गोडपारा निवासी ईश्वर साहू ने अभनपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनके पड़ोसी भूखन ध्रुव (उम्र 70 वर्ष) और उनकी पत्नी रूखमणी ध्रुव (उम्र 68 वर्ष) अपने घर में मृत अवस्था में पड़े हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब जांच की तो पाया कि दोनों के गले और शरीर पर धारदार हथियार से किए गए गहरे वार हैं। यह घटना पूरे गांव में सनसनी फैलाने वाली थी।
पुलिस की सतर्कता और तफ्तीश
इस गंभीर वारदात को लेकर रायपुर एसएसपी और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर 5 विशेष जांच टीमों का गठन किया गया। फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स, डॉग स्क्वॉड, तकनीकी विश्लेषक और स्थानीय मुखबिरों की मदद से पुलिस ने सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इसी दौरान एक अहम सुराग पुलिस के हाथ लगा। घटना के दिन शाम करीब 6 बजे एक व्यक्ति को मृतकों के घर से बाहर निकलते देखा गया था।
हत्यारा निकला गांव का ही झोलाछाप डॉक्टर
सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने उस संदिग्ध की पहचान राकेश कुमार बारले (उम्र 30 वर्ष), निवासी कोड़ापारा, थाना कुरूद, जिला धमतरी के रूप में की। आरोपी पेशे से झोलाछाप डॉक्टर है और “आर.के. मेडिकल” नाम से बिरोदा में दवाई दुकान संचालित करता है। पुलिस ने जब उसे हिरासत में लेकर साक्ष्यों के आधार पर सख्ती से पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल कर लिया।
हत्या के पीछे की वजह
राकेश ने बताया कि वह लंबे समय से भूखन ध्रुव और रूखमणी ध्रुव के संपर्क में था। रूखमणी अक्सर उसके इलाज से असंतुष्ट रहती थीं और उसे झोलाछाप कहकर ताने मारती थीं। वहीं, भूखन ध्रुव ने आरोपी से जमीन सौदे के लिए लिए गए ₹10,000 वापस नहीं किए थे। इन दोनों बातों को लेकर आरोपी के मन में गुस्सा था। 16 जुलाई को वह इलाज के बहाने ध्रुव दंपत्ति के घर गया और मौका पाकर पहले भूखन और फिर रूखमणी पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर दिया।
वारदात के बाद सामान्य व्यवहार
हत्या को अंजाम देने के बाद आरोपी ने अपने कपड़े और हथियार एक पास के नाले में फेंक दिए और फिर गांव लौटकर सामान्य तरीके से अपनी दुकान खोल ली ताकि किसी को उस पर शक न हो। हालांकि पुलिस की सतर्कता और टीम की मेहनत ने उसकी यह चालाकी ज्यादा दिन नहीं चलने दी। पुलिस ने उसके पास से खून से सने कपड़े, चाकू, बाइक और अन्य सामग्री बरामद की है।
पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
इस केस को सुलझाने में थाना अभनपुर के निरीक्षक सत्येन्द्र सिंह श्याम, साइबर यूनिट प्रभारी परेश पांडेय, सतीश पुरिया, शंकर लाल ध्रुव, फूलचंद भगत, जसवंत सोनी, बसंती मौर्य, आशीष त्रिवेदी, संतोष दुबे, विकास शर्मा आदि की अहम भूमिका रही। इनकी लगातार मेहनत और जमीनी स्तर पर की गई जांच से महज 5 दिनों में हत्या की गुत्थी सुलझा ली गई।
पुलिस की अपील
पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने से बचें और किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। ऐसे अपराधों से निपटने के लिए समाज और प्रशासन के बीच तालमेल आवश्यक है।
यह मामला एक बार फिर दर्शाता है कि समाज में छुपे अपराधी कभी-कभी बेहद सामान्य चेहरों के पीछे छिपे होते हैं। जरूरत है सतर्क रहने और पुलिस की सतर्कता में सहयोग देने की।