छत्तीसगढ़ राज्य में आत्महत्या की दो दिल दहला देने वाली घटनाएं सामने आई हैं। पहली घटना कोरबा जिले के बालको थाना क्षेत्र की है, जहां दसवीं कक्षा की छात्रा ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। वहीं दूसरी घटना बलरामपुर जिले के रामानुजगंज थाना क्षेत्र की है, जहां एक छात्रावास अधीक्षिका ने संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली। दोनों ही मामलों ने न सिर्फ परिजनों बल्कि स्थानीय प्रशासन को भी झकझोर कर रख दिया है।
पहला मामला: कोरबा में छात्रा ने लगाई फांसी
कोरबा जिले के बालको थाना क्षेत्र में 16 वर्षीय छात्रा अदिति सोलंकी ने शनिवार सुबह अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह गोढ़ी स्थित जैन पब्लिक स्कूल में कक्षा 10वीं की छात्रा थी। अदिति के पिता अजय पाल सिंह एक ठेकेदार हैं। परिवार में तीन भाई-बहनों में अदिति सबसे छोटी थी।
परिजनों के मुताबिक, 1 अगस्त की रात अदिति और उसके माता-पिता के बीच स्कूल न जाने को लेकर विवाद हुआ था। अदिति ने किसी दुकान से उधारी में कोल्ड ड्रिंक और चिप्स ले लिए थे, जिससे नाराज होकर परिजनों ने उसे डांट दिया था। बताया जा रहा है कि अदिति काफी जिद्दी स्वभाव की थी और छोटी-छोटी बातों में नाराज हो जाया करती थी।
विवाद के बाद रात को अदिति ने करीब 1:30 बजे तक पढ़ाई की और फिर सोने चली गई। अगली सुबह जब परिवार के लोग उठे, तो उन्होंने अदिति को अपने कमरे में दुपट्टे से लटकता पाया। तत्काल बालको थाना पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में मामला आत्महत्या का ही प्रतीत हो रहा है। परिजनों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और अदिति के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल भी खंगाली जा रही है ताकि आत्महत्या के पीछे की वास्तविक वजह सामने आ सके।
दूसरा मामला: बलरामपुर में छात्रावास अधीक्षिका ने की खुदकुशी
दूसरी घटना बलरामपुर जिले के रामानुजगंज थाना क्षेत्र से जुड़ी है, जहां एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में तैनात छात्रावास अधीक्षिका ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतका की पहचान नेहा वर्मा (25) के रूप में हुई है, जो बिहार के पटना की रहने वाली थीं। उन्होंने 27 जून 2024 को कन्या छात्रावास में अधीक्षिका पद का कार्यभार संभाला था।
शनिवार सुबह लगभग 10:30 बजे स्कूल के कर्मचारियों ने नेहा वर्मा के कमरे का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। जब दरवाजा खोलने की कोशिश की गई, तो अंदर का दृश्य देख सब सन्न रह गए—नेहा की लाश फंदे पर झूल रही थी।
स्कूल के प्राचार्य राजू सिंह ने बताया कि नेहा पिछले कुछ दिनों से सामान्य ही व्यवहार कर रही थीं। आत्महत्या के पीछे की वजह स्पष्ट नहीं है।
पुलिस ने मौके से नेहा का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है और कॉल डिटेल सहित सोशल मीडिया गतिविधियों की जांच की जा रही है। रामानुजगंज थाना प्रभारी उपनिरीक्षक निर्मल राजवाड़े ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
जांच जारी, समाज में गूंज उठे सवाल
दोनों घटनाओं में पुलिस हर संभावित एंगल से जांच कर रही है। जहां कोरबा की छात्रा के मामले में पारिवारिक तनाव और किशोरावस्था की मानसिक स्थिति एक वजह हो सकती है, वहीं बलरामपुर की अधीक्षिका की आत्महत्या में व्यक्तिगत या पेशेवर तनाव की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
इन दोनों ही मामलों ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता और संवाद की कितनी आवश्यकता है। परिवारों, शिक्षकों और समाज को युवाओं से संवाद करने और उन्हें समझने की आवश्यकता है, ताकि इस तरह की दुखद घटनाएं दोहराई न जाएं।