दहेज की लालच ने ली एक और जान: रायपुर में नवविवाहिता ने की आत्महत्या, पति और ससुराल पक्ष गिरफ्तार


 

रायपुर (छत्तीसगढ़), 2 अगस्त 2025 — छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 40 किलोमीटर दूर तिल्दा नेवरा थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ दहेज प्रताड़ना से तंग आकर एक नवविवाहिता ने आत्महत्या कर ली। मृतका की पहचान उषा कहरा के रूप में हुई है, जिसकी शादी दो साल पहले जांजगीर जिले के प्रमोद कुमार कमलेश से हुई थी।

शादी के समय उषा के परिजनों ने दहेज में एक कार, घरेलू सामान और अन्य उपहार दिए थे। शुरुआत में दंपत्ति के बीच संबंध सामान्य रहे, लेकिन कुछ समय बाद हालात बिगड़ने लगे। उषा के पति और उसके माता-पिता ने उस पर 10 लाख रुपये की अतिरिक्त मांग को लेकर मानसिक दबाव बनाना शुरू कर दिया।

कर्ज चुकाने के लिए मांगी जा रही थी रकम

थाना प्रभारी रमाकांत तिवारी के अनुसार, प्रमोद एक निजी फैक्ट्री में सब-इंजीनियर के पद पर कार्यरत है। उसने और उसके परिजनों ने यह कहते हुए उषा से पैसे लाने का दबाव बनाया कि उन्हें पहले से लिए गए कर्ज को चुकाना है। पहले यह दबाव हल्का था, लेकिन धीरे-धीरे यह मानसिक प्रताड़ना का रूप लेने लगा।

पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, उषा को बार-बार मायके से पैसे लाने के लिए कहा जाता था। जब उसने मना किया, तो उस पर ताने कसे गए, मानसिक रूप से परेशान किया गया और अपमानित किया जाने लगा। यह सिलसिला महीनों तक चला।

फांसी लगाकर की आत्महत्या

1 अगस्त की सुबह उषा अपने कमरे में मृत पाई गई। उसने अपने ही दुपट्टे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जब यह खबर उसके मायके वालों तक पहुँची, तो उन्होंने तत्काल तिल्दा नेवरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई।

मृतका के पिता ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था और पैसे न लाने की स्थिति में जान से मारने की धमकी तक दी जाती थी। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी एक आत्मनिर्भर, खुशमिजाज और पढ़ी-लिखी लड़की थी, लेकिन ससुराल वालों की लालच ने उसकी जिंदगी छीन ली।



पुलिस की कार्रवाई, आरोपी गिरफ्तार

पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और मृतका के मोबाइल फोन, डायरी और आस-पास के लोगों से पूछताछ के आधार पर जांच शुरू की। शुरुआती जांच में पुलिस को मानसिक प्रताड़ना के स्पष्ट संकेत मिले। इसके बाद पुलिस ने जांजगीर जिले के अमोदा गांव निवासी प्रमोद कुमार कमलेश (31), उसकी मां बहरतीन बाई और पिता जवाहर लाल (65) को गिरफ्तार कर लिया।

तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304बी (दहेज मृत्यु), 498ए (पति या रिश्तेदार द्वारा क्रूरता), और 34 (सामूहिक इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सामाजिक सवाल और कानून की जिम्मेदारी

यह मामला एक बार फिर समाज में मौजूद दहेज प्रथा और स्त्रियों के खिलाफ होने वाले अत्याचारों की भयावह सच्चाई को सामने लाता है। विवाह संस्था, जो दो परिवारों को जोड़ती है, वही अगर लालच और मानसिक शोषण का केंद्र बन जाए, तो यह बेहद चिंता का विषय है।

हालाँकि, भारत में दहेज प्रथा के खिलाफ सख्त कानून मौजूद हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह दर्शाती है कि अब भी मानसिक प्रताड़ना, आर्थिक दबाव और सामाजिक असंवेदनशीलता के कारण कई महिलाएँ अपनी जान गंवा रही हैं। उषा कहरा की मौत इस व्यवस्था पर एक कड़ा सवाल खड़ा करती है।

आगे की कार्रवाई

थाना प्रभारी रमाकांत तिवारी ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं। आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और आगे की पूछताछ जारी है। उषा के मायके वालों को न्याय दिलाने का भरोसा भी पुलिस द्वारा दिया गया है।

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