दुर्ग, 22 जुलाई 2025 — छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले स्थित भिलाई-3 न्यायालय परिसर में मंगलवार को एक हृदयविदारक घटना सामने आई, जहां कोर्ट में कार्यरत एक क्लर्क ने आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान सोमनाथ ठाकुर (46) के रूप में हुई है, जो पाटन क्षेत्र के केसरा गांव का रहने वाला था और फिलहाल भिलाई-3 स्थित न्यायिक क्वार्टर में निवासरत था।
जानकारी के अनुसार, सोमनाथ ठाकुर मजिस्ट्रेट अभिनव डहरिया की अदालत में क्लर्क के पद पर कार्यरत था। रोज़ की तरह वह मंगलवार सुबह ड्यूटी के लिए घर से निकला, लेकिन जब न्यायालय में कामकाज शुरू होने ही वाला था, तभी अन्य कर्मचारियों ने कोर्ट रूम में उसका शव फंदे से लटका हुआ देखा। तत्काल इस घटना की सूचना भिलाई-3 पुलिस को दी गई।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को नीचे उतरवाया और पोस्टमॉर्टम के लिए लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल, सुपेला भेजा। शव की तलाशी के दौरान पुलिस को मृतक की जेब से एक मोबाइल फोन और एक एक्सरसाइज नोटबुक मिली। नोटबुक में एक सुसाइड नोट लिखा हुआ मिला है।
सुसाइड नोट में किया मानसिक दबाव का उल्लेख
सुसाइड नोट में सोमनाथ ने लिखा है कि न्यायालय के एक अधिकारी द्वारा अत्यधिक कार्य का दबाव डाला जा रहा था, जिससे वह मानसिक तनाव में आ गया था और आत्महत्या करने का कदम उठा रहा है। हालांकि, सुसाइड नोट में किसी अधिकारी का नाम स्पष्ट रूप से उल्लेखित नहीं है।
पुलिस ने कहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी संबंधित अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी और नोट की हैंडराइटिंग की फॉरेंसिक जांच भी करवाई जाएगी।
पारिवारिक स्थिति
मृतक सोमनाथ ठाकुर अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गया है। उसका 10 वर्षीय बेटा और 8 वर्षीय बेटी है। यह दुखद घटना न केवल न्यायिक समुदाय बल्कि पूरे क्षेत्र में शोक और स्तब्धता का कारण बनी हुई है।
पुलिस जांच में जुटी
भिलाई-3 थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच के आधार पर मामला आत्महत्या का है, लेकिन सुसाइड नोट में उठाए गए आरोपों की गहन जांच की जा रही है। मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
इस घटना ने कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य और कर्मचारियों पर पड़ने वाले कार्यभार के प्रभाव को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।