"फर्जी वेबसाइट बनाकर दे रहे भारी छूट का झांसा, जीएसटी नंबर का दुरुपयोग कर ठगी का खुलासा"


 

रायपुर, 3 जून 2025
देशभर में ऑनलाइन ठगी के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं और अब ठगों ने राजधानी रायपुर के कारोबारियों को अपना नया निशाना बना लिया है। ठग गैंग अब कारोबारियों के जीएसटी नंबर, दुकान का पता, और मोबाइल नंबर का दुरुपयोग कर फर्जी वेबसाइट बना रहे हैं। इन वेबसाइटों के जरिए लोगों को सस्ते दामों में सामान देने का झांसा देकर लाखों की ठगी की जा रही है।

वेबसाइट पर भारी छूट, लेकिन डिलिवरी नहीं

ठग खरीदारी साइट्स पर कारोबारियों के नाम से वेबसाइट बनाकर इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर, मोबाइल जैसे सामानों पर 50 से 60 प्रतिशत तक की छूट का विज्ञापन डालते हैं। लोग लालच में आकर ऑनलाइन भुगतान कर देते हैं। लेकिन 7 से 10 दिन गुजर जाने के बाद भी उन्हें सामान नहीं मिलता। जब वे वेबसाइट पर दिए नंबर पर कॉल करते हैं, तो नंबर असली कारोबारी का होता है – जिसे खुद इस जालसाजी की कोई जानकारी नहीं होती।

चेतन्य ठक्कर के नाम पर वेबसाइट, लैपटॉप की ठगी

डूमरतराई के थोक बाजार में इलेक्ट्रॉनिक्स कारोबार करने वाले चेतन्य ठक्कर के साथ ऐसा ही मामला सामने आया। उन्हें 25 अप्रैल को एक व्यक्ति का कॉल आया जिसने बताया कि उसने लैपटॉप का ऑर्डर दिया है और 20 हजार रुपये एडवांस में भेजे हैं। चेतन्य ने जब स्पष्ट किया कि वे लैपटॉप नहीं बेचते, तो उन्हें मामले की गंभीरता समझ आई। जल्द ही उनके पास ऐसे कई कॉल आने लगे। जांच में सामने आया कि उनके जीएसटी नंबर और दुकान की जानकारी से किसी ने फर्जी वेबसाइट बनाकर लैपटॉप बेचने का दावा किया है।

हैदराबाद में फर्जी कंपनी, रायपुर का दस्तावेज़

सड्डू निवासी ट्रांसपोर्ट कारोबारी अंकित बांगर के साथ तो और भी गंभीर जालसाजी हुई। जब वे आयकर रिटर्न भरने गए, तब पता चला कि हैदराबाद में उनके नाम पर कंपनी पंजीकृत है। जांच में पता चला कि उनके पैन और आधार कार्ड का दुरुपयोग कर जीएसटी लिया गया और उनके नाम से फर्जी कारोबार चलाया जा रहा है।

इसी तरह का मामला डॉ. दीपक जायसवाल के साथ भी हुआ जो एक निजी अस्पताल में कार्यरत हैं। उनके दस्तावेज़ों का इस्तेमाल कर किसी ने उनके नाम से व्यवसाय पंजीकृत किया है।


साइबर एक्सपर्ट की राय – प्लेटफॉर्म को लेना होगा जिम्मा

मुकेश चौधरी, साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञ ने बताया कि OLX, Quikr जैसी प्लेटफॉर्म्स पर अगर कोई पोस्ट करता है जिसमें जीएसटी नंबर और मोबाइल नंबर शामिल है, तो एआई आधारित वेरिफिकेशन सिस्टम जरूरी है। फर्जी पाए जाने पर ऐसे अकाउंट्स को ब्लॉक कर देना चाहिए।

वहीं उन्होंने यह भी कहा कि आम लोगों को OTP और दस्तावेज़ों की सुरक्षा को गंभीरता से लेना होगा। किसी को भी बिना सोचे-समझे OTP न दें और संदिग्ध लिंक या मैसेज पर भरोसा न करें।


पुलिस का रुख – हर शिकायत पर होगी एफआईआर

एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने जानकारी दी कि ऐसे मामलों में सभी थानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे हर शिकायत की जांच करें और यदि मामला बनता है तो एफआईआर दर्ज की जाए। माना थाना क्षेत्र में एक कारोबारी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत की जानकारी पुलिस के पास है, और यदि प्रथम दृष्टया ठगी का मामला बनता है तो तत्काल केस दर्ज किया जाएगा।


कैसे बचें इस तरह की ठगी से:

  1. अपनी फर्म की जानकारी पब्लिक प्लेटफॉर्म पर साझा करते समय सावधानी बरतें।

  2. किसी भी वेबसाइट पर भुगतान करने से पहले उस वेबसाइट की विश्वसनीयता जांचें।

  3. जीएसटी नंबर की जांच सरकारी पोर्टल पर कर लें।

  4. OTP या अन्य गोपनीय जानकारी किसी के साथ साझा न करें।

  5. ठगी का संदेह हो तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें।

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