धमतरी के गंगरेल बांध क्षेत्र में तेंदुओं की बढ़ती सक्रियता, ग्रामीणों में दहशत का माहौल


 

धमतरी, छत्तीसगढ़ | 13 जून 2025:
धमतरी जिले के गंगरेल बांध क्षेत्र में तेंदुओं की लगातार बढ़ती गतिविधियों ने ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है। शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर बसे इस इलाके में वन विभाग ने 7 से 8 तेंदुओं की मौजूदगी की पुष्टि की है। इसके चलते इलाके के ग्रामीणों में भय का वातावरण बन गया है।

हाल ही में ग्राम मरादेव के पास तेंदुए द्वारा एक मादा सियार का शिकार करने की घटना सामने आई। जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और घटनास्थल का मुआयना किया। मौके पर तेंदुए के पंजों के स्पष्ट निशान भी पाए गए, जिससे वन्यजीव की मौजूदगी की पुष्टि हुई। मृत सियार को पशु चिकित्सालय, धमतरी ले जाया गया, जहां पोस्टमार्टम के बाद उसे गंगरेल के जंगल क्षेत्र में दफनाया गया।

वन विभाग ने इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया है। विभाग के अधिकारियों ने स्थानीय ग्रामीणों को सतर्क रहने की अपील की है। कोटवारों के माध्यम से गांव-गांव मुनादी कराकर लोगों को जंगल की ओर अकेले न जाने की चेतावनी दी जा रही है। साथ ही बच्चों और मवेशियों को भी सुरक्षित रखने की सलाह दी गई है।

गंगरेल बांध का इलाका चारों ओर से घने जंगलों से घिरा है, जहां पहले भी कई बार जंगली जानवरों की गतिविधियां देखी गई हैं। लेकिन तेंदुओं की संख्या में वृद्धि और उनकी सक्रियता से स्थिति और गंभीर हो गई है। वन विभाग क्षेत्र में गश्त बढ़ाने और कैमरा ट्रैप लगाने जैसे कदमों पर विचार कर रहा है।

धमतरी वन मंडल अधिकारी ने बताया कि विभाग लगातार नजर बनाए हुए है और ग्रामीणों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा, "तेंदुओं की गतिविधि स्वाभाविक है, लेकिन हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि इससे मानव जीवन को कोई खतरा न हो।"

ग्रामीणों की मांग है कि क्षेत्र में रात्रि गश्त बढ़ाई जाए और आवश्यक हो तो तेंदुओं को पकड़ने के लिए पिंजरे भी लगाए जाएं।

जंगल से सटे गांवों के लोग फिलहाल दहशत में हैं और खेतों में जाना या मवेशी चराना भी जोखिम भरा हो गया है। ऐसे में वन विभाग की सक्रियता और ग्रामीणों की सजगता ही इस स्थिति से निपटने का एकमात्र रास्ता नजर आ रहा है।

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