रायपुर, 10 जून — राजधानी रायपुर में मंगलवार शाम अचानक आई तेज बारिश और आंधी ने नगर निगम और बिजली विभाग की तैयारियों की पोल खोल दी। कुछ घंटों की बारिश ने शहर के कई इलाकों को पानी में डुबो दिया तो वहीं आधे शहर को अंधेरे में झोंक दिया।
शहर के मुख्य जय स्तंभ चौक, सिविल लाइन, शैलेन्द्र नगर, प्रोफेसर कॉलोनी, दंतेश्वरी मंदिर से कुशालपुर चौक तक की सड़कों पर नाले का पानी भर गया। नगर निगम द्वारा मानसून पूर्व सफाई के दावों के बावजूद शहर की सड़कों पर नालियों का गंदा पानी बहता नजर आया। सोशल मीडिया पर लोगों ने वीडियो और तस्वीरें शेयर कर नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।
बारिश के दौरान करीब 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं। इस कारण कई जगह पेड़ बिजली के तारों पर गिर गए जिससे शहर के बड़े हिस्से की बिजली गुल हो गई। सबसे चिंताजनक बात यह रही कि बिजली आपूर्ति बाधित होने के बाद भी मरम्मत कार्य में देरी हुई। कई इलाकों में तीन से पांच घंटे तक अंधेरा रहा।
बालाजी कॉलोनी में गिरा बाउंड्री वॉल, टला बड़ा हादसा
शंकर नगर के हाउसिंग बोर्ड की बालाजी कॉलोनी में तेज आंधी और बारिश के दौरान एक फ्लैट की छत की बाउंड्री वॉल गिर गई। गनीमत रही कि हादसे के वक्त सभी लोग घर के अंदर थे, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई। यहां 50 से ज्यादा परिवार रहते हैं, जिन्होंने बताया कि बिजली रात करीब 1 बजे आई।
बिजली ऑफिस से नदारद रहे कर्मचारी, कांग्रेस नेता ने संभाला मोर्चा
खम्हारडीह बिजली ऑफिस में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे लोगों को कोई कर्मचारी नहीं मिला। इस बीच कांग्रेस नेता राकेश धोत्रे मौके पर पहुंचे और खुद शिकायत केंद्र में बैठकर लोगों की समस्याएं दर्ज करने लगे। उन्होंने आरोप लगाया कि कॉल सेंटर और शिकायत नंबरों पर फोन करने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिला।
प्रशासन की व्यवस्था पर उठे सवाल
इस घटनाक्रम ने साफ कर दिया कि मानसून से पहले शहर की आधारभूत सेवाएं अभी भी तैयार नहीं हैं। न सिर्फ जल निकासी की व्यवस्था चरमरा गई है, बल्कि बिजली व्यवस्था की भी हालत गंभीर बनी हुई है। लोग सोशल मीडिया पर निगम और बिजली विभाग के खिलाफ नाराजगी जता रहे हैं।
स्थानीय निवासियों की मांग
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन को जल्द स्थायी समाधान करना चाहिए। नगर निगम और बिजली विभाग को मानसून से पहले पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरना चाहिए ताकि शहर को ऐसी अव्यवस्था से न गुजरना पड़े।