रायपुर | 20 जुलाई 2025
छत्तीसगढ़ में राजनीतिक पारा चढ़ता जा रहा है। शराब घोटाले के आरोप में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद प्रदेशभर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा है। रायपुर स्थित ईडी कार्यालय के बाहर लगातार तीसरे दिन कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन जारी है। पार्टी ने 22 जुलाई को प्रदेशव्यापी चक्का जाम और विरोध आंदोलन की घोषणा की है।
चैतन्य बघेल ईडी की हिरासत में
प्रेस कॉन्फ्रेंस में भूपेश का हमला
कांग्रेस का ऐलान – "डरने वाले नहीं"
22 जुलाई को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन
इस दिन सभी प्रमुख शहरों में सड़क जाम, रैलियां और ईडी दफ्तरों का घेराव किया जाएगा।
विपक्ष का आरोप – "केंद्र कर रहा एजेंसियों का दुरुपयोग"
18 जुलाई को ईडी ने चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था। उन्हें 22 जुलाई तक की ईडी कस्टडी में भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार, चैतन्य को रायपुर के ईडी दफ्तर के एक अलग कमरे में रखा गया है, जहां उनसे शराब घोटाले से जुड़ी पूछताछ जारी है। बताया जा रहा है कि शनिवार देर शाम भूपेश बघेल खुद बेटे से मिलने पहुंचे, जिसके बाद वे रात को दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
शनिवार को रायपुर स्थित कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा –
"मेरे बेटे को सिर्फ पप्पू बंसल के बयान के आधार पर गिरफ्तार किया गया। न कोई नोटिस मिला, न पूछताछ का मौका। ये कार्रवाई सिर्फ इसलिए की जा रही है क्योंकि हम अडाणी जैसे पूंजीपतियों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।"
भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और विधायक देवेंद्र यादव को भी राजनीतिक प्रतिशोध के तहत निशाना बनाया गया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने भी तीखे तेवर दिखाए। उन्होंने कहा –
"अगर ईडी, सीबीआई या ईओडब्ल्यू जैसी और एजेंसियां हैं, तो उन्हें भी बुला लीजिए। हम डरने वाले नहीं। सरकार कांग्रेस नेताओं को दबाना चाहती है, लेकिन हम पीछे हटने वाले नहीं हैं।"
कांग्रेस ने 22 जुलाई को प्रदेश के सभी जिलों में हाईवे जाम और धरना प्रदर्शन करने की घोषणा की है। पार्टी कार्यकर्ताओं को जिला मुख्यालयों में जुटने का आह्वान किया गया है।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि चुनावी साल में विपक्षी नेताओं को डराने और बदनाम करने की साजिश के तहत ऐसी गिरफ्तारियां हो रही हैं। वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी और इसके बाद का विरोध प्रदर्शन, राज्य में केंद्र और विपक्ष के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है।
स्थिति पर नजर
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18 जुलाई: चैतन्य बघेल गिरफ्तार
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19 जुलाई: कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस, तीखा हमला
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20 जुलाई: रायपुर में प्रदर्शन जारी
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22 जुलाई: पूरे राज्य में कांग्रेस का चक्का जाम
राजनीतिक हलचल के बीच अब सबकी निगाहें 22 जुलाई के विरोध प्रदर्शन पर टिकी हैं, जो छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।