रायपुर। राजधानी रायपुर की सड़कों पर रोजाना लाखों गाड़ियां गुजरती हैं। लगातार बढ़ती आबादी और तेज़ी से हो रहे शहरी विस्तार के चलते ट्रैफिक जाम और सड़क हादसों की समस्या गंभीर होती जा रही है। ऐसे में शहरवासियों को एक बड़ी राहत देने वाली खबर सामने आई है। रायपुर में पहली बार एक साथ 7 नए ओवरब्रिज बनाए जाएंगे। इसके लिए लोक निर्माण विभाग (PWD) ने प्लान तैयार कर लिया है और करोड़ों रुपये का बजट भी मंजूर कर दिया गया है।
PWD ने इन ओवरब्रिजों के निर्माण का लक्ष्य एक साल में पूरा करने का रखा है। विभाग ने शहर की उन प्रमुख सड़कों को चिन्हित किया है, जहां रोजाना भारी ट्रैफिक दबाव रहता है और जाम व दुर्घटनाएं आम हो गई हैं। इन स्थानों पर ओवरब्रिज बनाकर यातायात को सुगम और सुरक्षित बनाने की योजना है।
किन-किन स्थानों पर बनेंगे नए ओवरब्रिज
1. कालीबाड़ी चौक से पुलिस लाइन गेट तक:
यह ओवरब्रिज लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबा होगा और इसकी अनुमानित लागत 50 करोड़ रुपये है। इस मार्ग पर सुबह 9:30 से 11:30 और शाम 5:30 से 7:30 बजे के बीच भारी जाम लगता है। रोजाना करीब 35 हजार गाड़ियां यहां से गुजरती हैं। बजट स्वीकृत हो चुका है और निर्माण की तैयारी शुरू हो गई है।
2. फुंडहर चौक से टेमरी तक:
यह ओवरब्रिज 700 मीटर लंबा और 17 मीटर चौड़ा होगा। अनुमानित लागत 30 करोड़ रुपये है। एयरपोर्ट जाने वाले यात्रियों को यहां जाम से जूझना पड़ता है। ब्रिज बनने के बाद 10 मिनट तक का समय बचेगा। प्रस्ताव शासन के पास भेजा गया है।
3. अमलीडीह चौक से द्रोणाचार्य स्कूल तक:
केनाल लिंकिंग रोड पर 40 करोड़ की लागत से यह ओवरब्रिज बनाया जाएगा। एमएमआई चौक से द्रोणाचार्य चौक तक रोजाना 25 हजार गाड़ियां चलती हैं। यहां भी सुबह-शाम भारी जाम लगता है। प्रारंभिक सर्वे पूरा हो चुका है और डीपीआर तैयार की जा रही है।
4. गुढ़ियारी से एक्सप्रेस-वे तक:
शुक्रवारी बाजार से स्टेशन की ओर जाने वाली सड़क को सीधे एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए फ्लाईओवर बनाया जाएगा। यह योजना ट्रैफिक का दबाव कम करने में कारगर साबित होगी। इस क्षेत्र के हजारों लोगों को लाभ होगा।
5. मोवा में खालसा स्कूल से रिलायंस मार्ट तक:
यह ओवरब्रिज सबसे महंगा होगा। इसकी अनुमानित लागत 135 करोड़ रुपये है। इस मार्ग पर ट्रैफिक का दबाव बहुत अधिक है, जिससे यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। निर्माण कार्य की योजना बनाई जा रही है।
6. भनपुरी चौक:
यहां पर रोजाना 50 हजार से ज्यादा वाहन गुजरते हैं। ओवरब्रिज बनने के बाद यहां जाम की समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाएगी। अनुमानित लागत करीब 40 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
7. खारुन नदी पर ओवरब्रिज:
यह ब्रिज रायपुर और पाटन को जोड़ेगा। इसकी लागत लगभग 60 करोड़ रुपये होगी और रोजाना करीब 80 हजार वाहनों का आवागमन आसान होगा। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
लोक निर्माण विभाग के अफसरों का कहना है कि सभी ब्रिजों के लिए मुख्यालय से सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। बजट प्रावधान के साथ निर्माण की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। ब्रिज बनने के बाद हर सड़क पर 15-20 मिनट तक का समय बचेगा और हादसों की संभावना भी घटेगी।
मंत्री का बयान
PWD मंत्री अरुण साव ने कहा कि रायपुर की पहचान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बन रही है। इसी के अनुरूप शहर का विकास किया जा रहा है। इन ओवरब्रिजों के निर्माण से रायपुर की ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर होगी और यह स्मार्ट सिटी की दिशा में एक मजबूत कदम होगा।