बस्तर जिले के जगदलपुर निवासी विवेक भारत ने यह साबित कर दिया है कि अगर लगन हो तो खेती भी एक बेहतरीन और लाभकारी करियर बन सकता है। इंजीनियरिंग की डिग्री और 8 लाख रुपये सालाना के पैकेज वाली मल्टीनेशनल ऑटोमोबाइल कंपनी की नौकरी छोड़कर उन्होंने खेती को अपना जीवन बनाया है।
विवेक बताते हैं कि भिलाई से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह गोवा में नौकरी करने लगे थे, लेकिन उनका मन वहां नहीं लगा। बचपन से ही खेती के प्रति रुचि रही थी, जिसे उन्होंने करियर में बदलने का निर्णय लिया। शुरूआती संघर्षों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। फसलों में बीमारियों का सामना किया, लेकिन कृषि विशेषज्ञों और अनुभवी किसानों से सलाह लेकर समस्याओं का हल निकाला।
आज विवेक इजराइली तकनीक और मल्चिंग पद्धति का उपयोग कर सफलतापूर्वक आम, चीकू, अमरूद, शहतूत जैसी फसलों की खेती कर रहे हैं। सुगंधित धान की किस्में और जैविक खेती के माध्यम से उन्हें अच्छा मुनाफा भी मिल रहा है। इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय लोगों को रोजगार देकर सामाजिक बदलाव की भी मिसाल पेश की है।
बस्तर के युवाओं के लिए विवेक की यह यात्रा न सिर्फ प्रेरणादायक है बल्कि यह संदेश भी देती है कि गांव और खेती से जुड़कर भी उज्ज्वल भविष्य बनाया जा सकता है।