बिलासपुर में एजुकेशन हब के बाद अब स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। शहर में जल्द ही 'मेडिकल सिटी' बसने की तैयारी तेज हो गई है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत नागरिकों को एक ही स्थान पर तमाम तरह की स्वास्थ्य जांच, इलाज और सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएं मिल सकेंगी। खास बात यह है कि मेडिकल सिटी में अत्याधुनिक तकनीक से लैस सभी तरह के डायग्नोस्टिक सेंटर और अस्पताल होंगे, जिससे मरीजों को अब रायपुर जैसे बड़े शहरों तक भटकना नहीं पड़ेगा।
मेडिकल सिटी का खाका तैयार, केंद्र देगा अनुदान
नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार ने बताया कि मेडिकल सिटी की विस्तृत योजना तैयार कर ली गई है। इस परियोजना को केंद्र सरकार की 'अरबन चैलेंज फंड' के तहत वित्तीय मदद मिलेगी। केंद्र सरकार कुल लागत का 25% अनुदान के तौर पर देगी, जबकि बाकी 75% राशि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत जुटाई जाएगी। इससे परियोजना को गति मिलेगी और निजी क्षेत्र की भागीदारी से अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की जा सकेंगी।
तीन स्थानों पर जमीन का सर्वे, मंगला क्षेत्र सबसे उपयुक्त
मेडिकल सिटी के लिए मंगला, सकरी और रायपुर रोड क्षेत्रों में जमीन तलाशने का काम जारी है। निगम के पास मंगला क्षेत्र में 28 एकड़ जमीन उपलब्ध है, जो आबादी वाले क्षेत्र के करीब है। विशेषज्ञों के मुताबिक, मंगला में बेहतर कनेक्टिविटी, आबादी का घनत्व और सरकारी जमीन की उपलब्धता इसे मेडिकल सिटी के लिए सबसे उपयुक्त बनाती है।
कंसल्टेंट की नियुक्ति जल्द, डीपीआर से तय होगी दिशा
नगर निगम द्वारा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार कराने के लिए विशेषज्ञ कंसल्टेंट नियुक्त किए जाएंगे। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। जैसे ही स्थान का अंतिम चयन होगा, आगे की औपचारिकताएं पूरी कर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
रायपुर जाने की मजबूरी होगी खत्म
फिलहाल बिलासपुर में जिला अस्पताल, सिम्स और अपोलो जैसे प्रमुख अस्पताल तो हैं, मगर जटिल जांचों और उन्नत इलाज के लिए मरीजों को रायपुर तक जाना पड़ता है। मेडिकल सिटी बनने से यह समस्या दूर होगी। शहरवासियों को न केवल इलाज, बल्कि मेडिकल एजुकेशन और रिसर्च की सुविधा भी मिलेगी।
स्वास्थ्य सेवाओं में आएगी क्रांति
परियोजना पूरी होने के बाद बिलासपुर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। मेडिकल सिटी न केवल शहर बल्कि आसपास के जिलों के लिए भी वरदान साबित होगी। इससे स्वास्थ्य पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे।
जनता में उत्साह, उम्मीदें बढ़ीं
शहर में इस खबर के बाद लोगों में खासा उत्साह है। नागरिकों का कहना है कि बिलासपुर का यह सपना लंबे समय से अधूरा था। अब इसे अमलीजामा पहनते देख उम्मीदें बढ़ गई हैं कि इलाज के लिए बड़े शहरों का रुख करने की मजबूरी खत्म होगी।
अब निगाहें डीपीआर और जमीन चयन पर
अब शहरवासियों की निगाहें डीपीआर की मंजूरी और जमीन चयन की प्रक्रिया पर टिकी हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि यह परियोजना अगले एक साल में जमीन पर उतरने लगेगी।