छत्तीसगढ़ के महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। अब यह मामला हाईकोर्ट की चौखट तक पहुंच गया है। याचिका पर सुनवाई करते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य शासन और विश्वविद्यालय प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
दरअसल, दुर्ग जिले के पाटन स्थित इस विश्वविद्यालय में हाल ही में डॉ. आरआर सक्सेना को कुलपति नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति को याचिकाकर्ता डॉ. अवनिन्द्र कुमार सिंह ने चुनौती दी है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि विश्वविद्यालय में कुलपति चयन प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी हुई है। याचिकाकर्ता के अनुसार, चयन के दौरान उम्मीदवारों की योग्यता और अनुभव का उचित मूल्यांकन नहीं किया गया, बल्कि पूरी प्रक्रिया मनमाने तरीके से पूरी कर दी गई।
याचिका में कहा गया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले तीन सदस्यीय चयन समिति का गठन कर 38 उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए थे। इसके बाद समिति ने आठ नामों का पैनल तैयार कर राज्यपाल सचिवालय को भेजा। लेकिन, पैनल में शामिल नामों का तुलनात्मक परीक्षण नहीं हुआ। न तो मेरिट लिस्ट जारी हुई और न ही अंक आवंटन किया गया।
याचिकाकर्ता का यह भी दावा है कि शैक्षणिक योग्यता और अनुभव के आधार पर उनका दावा सबसे मजबूत है। बावजूद इसके उनकी अनदेखी कर मनचाही नियुक्ति कर दी गई। उन्होंने हाईकोर्ट से नियुक्ति प्रक्रिया की जांच कर नए सिरे से निष्पक्ष चयन प्रक्रिया की मांग की है।
इस मामले में प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, विश्वविद्यालय और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेज पेश किए जाएं ताकि न्यायालय तय कर सके कि प्रक्रिया नियमों के अनुरूप हुई या नहीं।
विश्वविद्यालय की पृष्ठभूमि
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य अधिनियम के तहत महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना की है। इसका उद्देश्य राज्य में उद्यानिकी और वानिकी के क्षेत्र में उच्च शिक्षा, अनुसंधान और तकनीकी विकास को बढ़ावा देना है। पहले कार्यकारी कुलपति के तौर पर IAS अधिकारी महादेव कावरे को नियुक्त किया गया था।
अब आगे क्या?
अब इस मामले में कोर्ट की अगली सुनवाई के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। यदि नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी पाई गई, तो विश्वविद्यालय में नए सिरे से कुलपति चयन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।