रतनपुर और आसपास के गांवों में डायरिया का कहर, दूषित पानी बना बीमारी की जड़, अस्पताल में बेड भी फुल


 

बिलासपुर — रतनपुर और उसके आसपास के गांवों में दूषित पानी से फैल रहे डायरिया के संक्रमण ने हालात बिगाड़ दिए हैं। अब तक 69 मरीज सामने आ चुके हैं। अस्पताल में बेड कम पड़ गए हैं, मरीजों को इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं, स्वास्थ्य केंद्र में अव्यवस्था और गंदगी ने खतरा और बढ़ा दिया है।

बारिश के पानी से टपक रहा अस्पताल, कीचड़ से मरीज बेहाल

रतनपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हालात बेहद खराब हैं। अस्पताल के ड्रेसिंग रूम में बारिश का पानी टपक रहा है। चारों तरफ कीचड़ और गंदगी फैली है। टायलेट की स्थिति भी बेहद खराब है। मरीजों के साथ परिजन भी परेशान हैं। अस्पताल के 37 बेड अब पूरी तरह भर चुके हैं, नए मरीजों के लिए जगह नहीं है।

चार गांवों में सबसे ज्यादा संकट, रोज बढ़ रही मरीजों की संख्या

नवागांव, कर्रा, गिरजाबंद और महामायापारा गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। बीते चार दिन में 28 मरीज भर्ती किए जा चुके हैं। हर दिन 10 से 14 नए मरीज पहुंच रहे हैं। उल्टी-दस्त और डिहाइड्रेशन से जूझ रहे मरीजों को प्राथमिक उपचार मिल पा रहा है, मगर गंभीर मरीजों के लिए अस्पताल में पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।

रात में पहुंचे SDM, अस्पताल की हालत देख भड़के

बीते बुधवार रात SDM नितिन तिवारी अचानक अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे। अस्पताल की गंदगी और अव्यवस्था देख वे नाराज हो गए। ड्रेसिंग रूम में टपकते पानी और गंदगी से वह हैरान रह गए। उन्होंने बीएमओ को जमकर फटकार लगाई और तुरंत सफाई कराने के निर्देश दिए। SDM ने कहा कि लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई होगी।

बीमारी फैलने की वजह- गंदा पानी, हेल्थ कैंप तक नहीं लगाया गया

ग्रामीणों के मुताबिक, बारिश में कई गांवों में गंदा और बदबूदार पानी सप्लाई हो रहा है। नवागांव और गिरजाबंद में लगभग हर गली में डायरिया के मरीज मिल रहे हैं, बावजूद इसके अब तक किसी गांव में स्वास्थ्य शिविर नहीं लगाया गया है। स्वास्थ्य विभाग सिर्फ दवाएं बांट रहा है, ग्रामीण घरेलू उपायों पर निर्भर हैं।

CMHO का दावा- स्थिति काबू में

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. शुभा गरेवाल ने रतनपुर सहित आसपास के स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने दावा किया कि स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। विभागीय टीमें निगरानी कर रही हैं। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि जलजनित बीमारियों से बचाव और सिकल सेल एनीमिया की जांच को भी तेज किया जाए।

ग्रामीणों में आक्रोश, प्रशासन से कार्रवाई की मांग

डायरिया के बढ़ते मामलों से ग्रामीणों में नाराजगी है। उनका कहना है कि प्रशासन समय रहते एहतियात बरतता तो यह स्थिति नहीं बनती। लोगों ने जल्द से जल्द शुद्ध पानी की व्यवस्था, सफाई और हेल्थ कैंप लगाने की मांग की है।

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