बिलासपुर। सकरी थाना क्षेत्र स्थित आसमां सिटी कॉलोनी में एक महिला के घर से जेवर और नकदी चोरी करने वाली महिला नौकरानी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। चोरी में उसका भाई और एक सराफा व्यापारी भी शामिल था। तीनों को पुलिस ने हिरासत में लेकर जेवरात और नगदी बरामद कर ली है।
घटना का खुलासा तब हुआ जब रजनी सिंह (43), निवासी आसमां सिटी कॉलोनी ने 18 जून को सकरी थाने में चोरी की शिकायत दर्ज कराई। रजनी सिंह ने पुलिस को बताया कि उसने 10 मई को अपने गहने और नकद रकम अलमारी में सुरक्षित रखे थे। लेकिन 17 जून को जब अलमारी खोली तो गहने और नकद रकम गायब थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए सकरी पुलिस ने तत्काल चोरी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
थाना प्रभारी प्रदीप आर्या के नेतृत्व में टीम ने जांच के दौरान रजनी सिंह के घर काम करने वाली महिला नौकरानी दुर्गेश्वरी वर्मा (निवासी अटल आवास, सकरी) पर संदेह जताया। पूछताछ के दौरान दुर्गेश्वरी ने शुरुआत में पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की और बार-बार बयान बदलती रही। लेकिन पुलिस ने जब उसके बयान में विरोधाभास देखा तो सख्ती से पूछताछ की।
सख्ती के बाद दुर्गेश्वरी ने अपराध कबूल कर लिया। उसने बताया कि उसने चोरी किए गए जेवर अपने भाई हरिशंकर कश्यप के जरिए मुंगेली जिले के ग्राम मोहतरा निवासी सराफा व्यापारी विनोद सोनी को बेचे थे। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए हरिशंकर और विनोद को भी हिरासत में ले लिया।
पूछताछ में दोनों आरोपियों ने जुर्म कबूल किया। पुलिस ने तीनों के कब्जे से लगभग दो लाख रुपये मूल्य के सोने-चांदी के जेवर और नकद 3700 रुपये बरामद किए हैं। आरोपियों के खिलाफ धारा 380, 411 और 34 के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
थाना प्रभारी प्रदीप आर्या ने क्या कहा?
टीआई प्रदीप आर्या ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही टीम सक्रिय हो गई थी। शुरुआत में नौकरानी ने गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन सघन पूछताछ और जांच के बाद पूरा मामला उजागर हो गया। सराफा व्यापारी की संलिप्तता भी सामने आई, जिससे यह साफ हो गया कि चोरी की योजना पूरी साजिश के तहत बनाई गई थी।
चोरी का तरीका:
दुर्गेश्वरी ने घर की जानकारी का फायदा उठाया और मौके का इंतजार किया। जब घर में कोई नहीं था, तब अलमारी से गहने और कैश पार किए। उसके बाद उसने अपने भाई को विश्वास में लेकर सराफा व्यापारी से सौदा कराया।
पुलिस की तत्परता से बड़ा खुलासा:
पुलिस की सक्रियता और सूझबूझ से न केवल मुख्य आरोपी पकड़ी गई, बल्कि चोरी के जेवर भी बरामद कर लिए गए। इस मामले ने फिर से यह संदेश दिया कि घरेलू सहायकों की सत्यता की जांच और पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी है।
अब आगे क्या?
तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस गिरोह के अन्य सदस्य तो नहीं हैं और क्या सराफा व्यापारी ने पूर्व में भी इस तरह के चोरी के गहनों की खरीद-फरोख्त की है।