बिलासपुर में अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर: प्रशासन ने नजूल और निगम भूमि को कराया मुक्त


 

बिलासपुर। शहर में अवैध निर्माण और सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। शनिवार को नगर निगम की टीम ने ज्वाली पुल के पास नजूल भूमि पर अवैध रूप से बनाए गए निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की। मौके पर भारी पुलिस बल की मौजूदगी में निगम का बुलडोजर चला और सार्वजनिक संपत्ति को कब्जा मुक्त कराया गया।

नक्शा स्वीकृति और अनुमति के बिना हुआ निर्माण
जिला प्रशासन और नगर निगम के संयुक्त सर्वे के बाद यह बात सामने आई कि ज्वाली पुल के समीप नगर निगम और नजूल की भूमि पर बिना किसी वैध अनुमति और नक्शे के कई भवनों का निर्माण किया गया है। इन निर्माणों में न केवल तय सीमा से बाहर निर्माण हुआ था, बल्कि तीसरी मंजिल तक का निर्माण भी बिना किसी स्वीकृति के कराया गया था।

प्रकाश आडवाणी पर सबसे बड़ा आरोप
जांच में पाया गया कि प्रमुख आरोप प्रकाश आडवाणी पर है, जिन्होंने पूर्व दिशा में 1.5 मीटर और उत्तर दिशा में 3 मीटर तक अतिरिक्त निर्माण कराया। इतना ही नहीं, तीसरी मंजिल पर भी अवैध रूप से लेंटर डलवाया गया था। आडवाणी द्वारा नाला रोड की ओर मुख्य द्वार बनाकर सार्वजनिक मार्ग को निजी उपयोग में लाया गया था, जो स्पष्ट रूप से सरकारी भूमि पर अतिक्रमण की श्रेणी में आता है।

छिपाने के लिए लगाया ग्रीन नेट, फिर भी बच न सके
निर्माणकर्ताओं ने अवैध गतिविधियों को छिपाने के लिए भवन के चारों ओर ग्रीन नेट लगाकर काम को ढकने का प्रयास किया, लेकिन नगर निगम की निगरानी और सतर्कता से साजिश का पर्दाफाश हो गया। जांच के दौरान यह भी स्पष्ट हुआ कि नजूल भूमि पर सीढ़ियां और अन्य ढांचे बनाए गए थे, जो सार्वजनिक संपत्ति पर सीधा अतिक्रमण था।

छह अन्य कब्जाधारियों पर भी कार्रवाई
प्रकाश आडवाणी के अलावा गोपीचंद गंगवानी, मनीष नागवानी, विक्की थदानी, कमल फर्नीचर, विवेक और माधव कश्यप को भी नोटिस जारी किए गए थे। इन सभी पर आरोप है कि उन्होंने बिना अनुमति के नगर निगम और नजूल की जमीन पर अतिक्रमण कर निर्माण किया। नोटिस अवधि समाप्त होने के बाद अब निगम ने सीधे कार्रवाई करते हुए अवैध निर्माण को गिराना शुरू कर दिया है।

सार्वजनिक हित में की गई कार्रवाई: निगम
नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई किसी व्यक्ति विशेष को निशाना बनाने के लिए नहीं, बल्कि सार्वजनिक हित और शहर की सुव्यवस्थित योजना के तहत की जा रही है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि भविष्य में भी किसी प्रकार का अवैध निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

स्थानीय लोगों की सराहना
वहीं, इलाके के स्थानीय निवासियों ने प्रशासन की इस कार्रवाई की सराहना की है। लोगों का कहना है कि लंबे समय से इस क्षेत्र में अतिक्रमण की समस्या थी, जिससे न केवल यातायात में बाधा आ रही थी, बल्कि सार्वजनिक भूमि का दुरुपयोग भी हो रहा था।

जिला प्रशासन का अल्टीमेटम
प्रशासन ने साफ किया है कि भविष्य में यदि कोई व्यक्ति सरकारी या सार्वजनिक भूमि पर कब्जा करता है, तो उसके खिलाफ सीधे बुलडोजर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जुर्माना और कानूनी कार्रवाई भी तय है।

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