कोरबा सड़क हादसा: अनाथ पीलू की दर्दनाक मौत, अज्ञात वाहन की टक्कर से गई जान


 

कोरबा जिले में एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। शुक्रवार की देर रात उरगा-चांपा मार्ग पर मड़वारानी के पास अज्ञात वाहन की टक्कर से एक 22 वर्षीय युवक की मौत हो गई। मृतक की पहचान पीलू सहिस के रूप में हुई है, जो बीते आठ वर्षों से स्थानीय बस्ती में रहकर मजदूरी करता था। यह घटना न केवल एक दुखद हादसा है, बल्कि उस मानवीय पहलू को भी उजागर करती है, जिसमें एक अनजान बालक को समाज ने अपनाया और फिर उसकी असमय मौत ने सभी को गमगीन कर दिया।

अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर, मौके पर ही मौत

हादसा शुक्रवार रात हुआ जब पीलू सहिस किसी काम से उरगा-चांपा मार्ग पर निकला था। बताया जा रहा है कि तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने उसे जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि पीलू के सिर और सीने पर गंभीर चोटें आईं। स्थानीय लोगों की सूचना पर डायल-112 की टीम मौके पर पहुंची और घायल पीलू को तुरंत मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गई, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फिलहाल पुलिस अज्ञात वाहन चालक की तलाश में जुटी हुई है और क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।

एक भटके बालक से मेहनतकश युवा तक का सफर

पीलू की कहानी केवल एक दुर्घटना की नहीं, बल्कि एक असहाय बालक के जीवन संघर्ष की भी है। 15 साल पहले, जब वह मात्र आठ वर्ष का था, उसे चांपा रेलवे स्टेशन के पास अकेला और भटका हुआ पाया गया था। तब किसी को नहीं पता था कि वह कहां से आया है, उसका परिवार कौन है। पूछताछ करने पर भी वह कुछ नहीं बता पाया। उस समय से वह पास की एक बस्ती में रह रहा था।

बस्तीवासियों ने दिया नाम, छत और सहारा

जिस बस्ती में वह रहने लगा, वहां के लोगों ने ही उसका नाम "पीलू" रखा। उसने कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा, लेकिन खुद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उसने मेहनत-मजदूरी शुरू कर दी। वह पूरे दिन काम करता और शाम को बस्ती लौट आता था। उसके लिए किसी भी घर के दरवाजे बंद नहीं थे। कभी किसी के यहां खाना खा लेता, कभी किसी के घर सो जाता। बस्ती के लोग उसे अपने बेटे जैसा मानते थे। उनका कहना है कि पीलू बेहद आज्ञाकारी, विनम्र और मेहनती लड़का था, जो कभी किसी से ऊंची आवाज में बात नहीं करता था।

शुक्रवार को अचानक लापता, फिर मिला शव

शुक्रवार की शाम तक जब पीलू बस्ती नहीं लौटा, तो लोगों को चिंता हुई। रातभर उसकी खोजबीन चलती रही। तड़के एक वाहन चालक से बातचीत में यह पता चला कि मड़वारानी के पास कोई युवक हादसे का शिकार हुआ है। संदेह के आधार पर कुछ लोग मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें पीलू का शव मॉर्च्युरी में मिला। उसकी पहचान बस्ती की महिला पूनम सहिस ने की।

पुलिस जुटी जांच में, स्थानीय लोगों में आक्रोश

पीलू की मौत ने बस्ती में शोक की लहर दौड़ा दी है। हर कोई स्तब्ध है कि जिस युवक ने अपनी जिंदगी दूसरों की मदद में और मेहनत में लगा दी, उसकी मौत इतनी दर्दनाक और असहाय स्थिति में हुई। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपी वाहन चालक को जल्द गिरफ्तार किया जाए और पीलू को न्याय दिलाया जाए।

पुलिस ने अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी कैमरों की जांच की जा रही है ताकि वाहन की पहचान हो सके। साथ ही, आसपास के थानों को भी सतर्क कर दिया गया है।

समाज की जिम्मेदारी भी सवालों के घेरे में

पीलू जैसे बेसहारा बच्चों की जिंदगी हमारे समाज के लिए एक आइना है। जहां सरकारें और प्रशासनिक तंत्र बाल कल्याण की योजनाओं का दावा करते हैं, वहीं ऐसे बच्चों की असल देखरेख और सुरक्षा व्यवस्था अक्सर बस्तियों और आम नागरिकों के भरोसे ही रह जाती है। पीलू को बस्ती ने पाला, लेकिन प्रशासन उसकी पहचान कभी नहीं बना पाया।

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