रायपुर, 18 जुलाई —
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का चौथा दिन विपक्षी हमलों और तीखे सवालों से गर्म रहा। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने धान खरीदी, NGO को दिए गए अनुदान और डीएपी खाद आपूर्ति की समस्याओं को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया।
धान का स्टॉक कहां गया? – बघेल
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार से सवाल किया कि खरीदे गए धान की नीलामी कहां हुई और एफसीआई तथा नान को भेजे जाने वाले स्टॉक का क्या हुआ? उन्होंने आरोप लगाया कि राइस मिलर्स को धान सौंप देने के बाद भी सार्वजनिक नीलामी के आंकड़े स्पष्ट नहीं हैं।
इस पर खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने जवाब देते हुए बताया कि संचारी बालोद क्षेत्र में 2.25 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया, जिसमें से 1.79 लाख मीट्रिक टन मिलर्स को भेजा गया। बाकी लगभग 51 हजार टन संग्रहण केंद्रों में है।
NGO को अनुदान पर सवाल
महासमुंद विधायक चतुरी नंद ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एक NGO — फॉर्च्यून फाउंडेशन — को दी गई राशि पर सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि दस्तावेजों और मंत्री के बयान में अंतर है।
मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने स्पष्ट किया कि अनुदान दो किस्तों में जारी हुआ है, जिसकी वजह से भ्रम हो सकता है, और सभी रिकॉर्ड की जांच की जाएगी।
DAP खाद की किल्लत पर विपक्ष का हमला
पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने छत्तीसगढ़ में डीएपी उर्वरक की भारी कमी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि लक्ष्य के मुकाबले आधे से भी कम डीएपी का भंडारण हुआ है और निजी क्षेत्र को आपूर्ति कर किसानों को वंचित किया जा रहा है।
कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने DAP की कमी स्वीकारते हुए इसे राष्ट्रीय व वैश्विक संकट बताया और कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से आपूर्ति बढ़ाने का प्रयास जारी है।
प्रधानमंत्री का जिक्र होते ही गरमा गया सदन
जैसे ही कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिया, कांग्रेस विधायकों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। नाराज विधायक 'कृषि मंत्री इस्तीफा दो' और 'DAP खाद देना होगा' जैसे नारे लगाते हुए सदन के गर्भगृह तक पहुंच गए।
सभी कांग्रेस विधायक निलंबित
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने इसे संसदीय मर्यादा का उल्लंघन बताते हुए सभी कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया और सदन से बाहर जाने के निर्देश दिए। लेकिन विधायक सदन के भीतर बैठकर प्रदर्शन करते रहे। गृहमंत्री विजय शर्मा ने इसे सदन की कार्यवाही में बाधा और अनुशासनहीनता बताया।