दुर्ग-भिलाई क्षेत्र में यातायात पुलिस ने ऑपरेशन सुरक्षा अभियान के तहत नशे में वाहन चलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। अभियान के दौरान आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर चेकिंग पाइंट लगाकर वाहन चालकों की सघन जांच की गई। ब्रीद एनालाइजर के माध्यम से किए गए परीक्षण में 105 वाहन चालक मानक से अधिक शराब पीकर वाहन चलाते पाए गए। सभी के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई की गई है।
एएसपी ट्रैफिक ऋचा मिश्रा ने बताया कि इस अभियान को शुरू करने के पीछे विस्तृत यातायात विश्लेषण और पिछले वर्षों के आंकड़े मुख्य आधार रहे। शाम से रात के समय कुछ प्रमुख चौराहों पर यातायात घनत्व में वृद्धि देखी गई, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना भी अधिक हो जाती है। खासकर, इन क्षेत्रों में ड्रिंक एंड ड्राइव के मामले सामान्य से ज्यादा सामने आ रहे थे। इसी वजह से इन स्थानों पर विशेष टीमों को तैनात कर सख्त चेकिंग की गई।
मुख्य चेकिंग पॉइंट और तैनाती
इस अभियान के तहत दुर्ग-भिलाई के प्रमुख स्थानों—सूर्या मॉल चौक नेहरू नगर, मालवीय नगर चौक, पुलगांव चौक, कुम्हारी टोल प्लाजा, गुरुद्वारा तिराहा नेहरू नगर, ग्रीन चौक, सिरसा गेट चौक और गदा चौक—पर विशेष टीम गठित की गई। प्रत्येक स्थान पर अनुभवी ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के साथ आवश्यक उपकरण और वाहन रोकने की व्यवस्था की गई थी।
अभियान की प्रक्रिया
अभियान के दौरान शाम होते ही चेकिंग पॉइंट सक्रिय कर दिए गए। हर गुजरते वाहन को रोककर जांच की गई, जिसमें चालक की स्थिति का परीक्षण ब्रीद एनालाइजर के जरिए किया गया। जिन चालकों में शराब का स्तर कानूनी सीमा से अधिक पाया गया, उन्हें तुरंत रोका गया और उनके खिलाफ चालानी कार्रवाई की गई। पुलिस ने बताया कि कई मामलों में वाहन चालकों को मौके पर ही उनके परिवार के सदस्यों को बुलाकर वाहन सौंपा गया, ताकि दुर्घटना की संभावना कम हो।
पुलिस की सख्त चेतावनी
एएसपी ऋचा मिश्रा ने स्पष्ट किया कि सड़क सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ यह सख्ती आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि नशे की हालत में वाहन चलाना न केवल चालक के जीवन के लिए खतरा है, बल्कि अन्य लोगों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल देता है। इस अभियान का उद्देश्य केवल चालान करना नहीं, बल्कि लोगों को जागरूक करना है कि शराब पीकर वाहन चलाना कितना खतरनाक हो सकता है।
लोगों की प्रतिक्रिया
अभियान के दौरान कई जिम्मेदार नागरिकों ने पुलिस की इस पहल की सराहना की। उनका कहना था कि इस तरह की सख्ती से दुर्घटनाओं में कमी आएगी और लोग सड़क पर ज्यादा सतर्क रहेंगे। वहीं, कुछ चालकों ने माना कि अभियान के चलते उन्हें अपनी आदत बदलने पर मजबूर होना पड़ेगा।
भविष्य की योजना
पुलिस विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि ऐसे अभियान नियमित अंतराल पर चलाए जाएंगे। साथ ही, जिन क्षेत्रों में दुर्घटनाओं की संख्या अधिक है, वहां अतिरिक्त निगरानी रखी जाएगी। विभाग का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।