बिलासपुर में सिलेंडर ब्लास्ट से भीषण आग, तीन लोग झुलसे


 

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में सोमवार दोपहर सिविल लाइन थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब खाना बनाते समय गैस सिलेंडर में जोरदार धमाका हो गया। इस धमाके के साथ ही आग इतनी तेजी से फैली कि देखते ही देखते पूरे मकान को अपनी चपेट में ले लिया। हादसे की वजह से आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे।

जानकारी के अनुसार, हादसा दोपहर करीब डेढ़ बजे हुआ। जिस मकान में धमाका हुआ, उसके निचले हिस्से में एक दुकान थी और ऊपरी मंजिल पर बैग का गोदाम। धमाके के तुरंत बाद लपटें इतनी तेज़ी से उठीं कि मकान में रखा टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, फर्नीचर और अन्य घरेलू सामान पूरी तरह जलकर राख हो गया। बैग के गोदाम में रखे बैग और अन्य सामग्री ने आग को और भड़का दिया, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के लोग डरकर घरों से बाहर निकल आए। मौके पर मौजूद सैयद अमीन ने बताया कि आग इतनी भीषण थी कि अगर दमकलकर्मी समय पर न पहुंचते, तो यह आग आसपास के मकानों को भी अपनी चपेट में ले सकती थी। उन्होंने कहा कि आग को फैलने से रोकने के लिए तुरंत प्रयास शुरू किए गए, जिससे बड़े पैमाने पर नुकसान होने से बच गया।

सूचना मिलते ही दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची। कई दमकल गाड़ियों की मदद से लगभग एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। दमकलकर्मियों ने आग बुझाने के लिए लगातार पानी की बौछार की और आग के फैलाव को रोकने के लिए आसपास की इमारतों पर भी पानी डाला। इस दौरान धुआं और गर्मी इतनी अधिक थी कि दमकलकर्मियों को भी बचाव कार्य के दौरान कठिनाई का सामना करना पड़ा।

इस हादसे में तीन लोग झुलस गए हैं, जिन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, घायलों की हालत खतरे से बाहर है और उनका इलाज जारी है। आग लगने के सही कारणों की पुष्टि के लिए पुलिस और दमकल विभाग की संयुक्त टीम जांच में जुटी है। शुरुआती अंदाजे के मुताबिक, गैस लीकेज के कारण सिलेंडर में धमाका हुआ, लेकिन इस संबंध में अंतिम रिपोर्ट जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएगी।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इलाके में इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है। कई बार गैस सिलेंडर के रखरखाव में लापरवाही, पुराने पाइप और रेगुलेटर का इस्तेमाल, और उचित वेंटिलेशन की कमी ऐसे हादसों का कारण बनती है। विशेषज्ञ भी सलाह देते हैं कि गैस सिलेंडर और उससे जुड़े उपकरणों की समय-समय पर जांच करवाना जरूरी है, ताकि किसी भी संभावित खतरे को पहले ही रोका जा सके।

हादसे के बाद आसपास के लोग और व्यापारी घटना स्थल पर जमा हो गए। कई लोगों ने दमकलकर्मियों की मदद की और प्रभावित परिवार को तुरंत सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में सहयोग दिया। आग बुझने के बाद भी मकान से धुआं निकलता रहा, जिससे दमकलकर्मी देर तक मौके पर डटे रहे।

यह घटना एक बार फिर आग से जुड़ी सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करती है। घरेलू रसोई में थोड़ी सी लापरवाही भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, गैस सिलेंडर को हमेशा खिड़की या वेंटिलेशन वाले स्थान पर रखना चाहिए और गैस का उपयोग करते समय किसी भी तरह की गंध या रिसाव महसूस होने पर तुरंत गैस का मुख्य वाल्व बंद करके तकनीकी सहायता लेनी चाहिए।

पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि सिलेंडर ब्लास्ट का कारण तकनीकी खराबी थी या मानवीय लापरवाही। फिलहाल मकान मालिक और दुकान संचालक को भी बयान के लिए बुलाया गया है। हादसे में हुई आर्थिक क्षति का आकलन किया जा रहा है, जो लाखों रुपये में होने की संभावना है।

यह घटना शहरवासियों के लिए चेतावनी है कि छोटी सी असावधानी भी बड़े हादसे में बदल सकती है। सतर्कता और समय पर रखरखाव ही ऐसे खतरों से बचने का सबसे प्रभावी उपाय है।

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