लिमतरा में अवैध शराब बिक्री व उत्पात पर पुलिस का शिकंजा, आधा दर्जन आरोपी गिरफ्तार


 

दुर्ग जिले के कुम्हारी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम लिमतरा में लंबे समय से अवैध शराब बिक्री, आपसी मारपीट और असामाजिक गतिविधियों से ग्रामीण परेशान थे। ग्रामीणों का कहना था कि गांव में कुछ लोग लगातार अवैध तरीके से शराब बेच रहे थे और नशे की हालत में उत्पात मचा रहे थे, जिससे शांति भंग हो रही थी। महिलाओं और बच्चों के लिए माहौल असुरक्षित बन गया था। इस वजह से ग्रामवासियों ने सामूहिक रूप से कुम्हारी थाना पहुंचकर लिखित शिकायत दर्ज कराई।

ग्रामीणों की शिकायत पर कुम्हारी थाना प्रभारी पीडी चंद्रा ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम गठित की। टीम ने गांव में दबिश देकर आधा दर्जन संदिग्धों को हिरासत में लिया। इनमें हरिहर सेन पिता स्व. राधेश्याम सेन समेत अन्य आरोपी शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 170 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, गांव में अवैध शराब की बिक्री लंबे समय से हो रही थी। इसके चलते न केवल युवाओं में नशे की लत फैल रही थी, बल्कि आए दिन विवाद और झगड़े भी हो रहे थे। कुछ आरोपियों पर पहले भी आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। शिकायत के बाद पुलिस ने गांव में छापेमारी की, जहां से आरोपियों को पकड़ा गया और थाने लाकर पूछताछ की गई।

थाना प्रभारी पीडी चंद्रा ने कहा कि ग्रामीणों की सुरक्षा और शांति व्यवस्था हमारी प्राथमिकता है। गांव में असामाजिक तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। इस कार्रवाई के बाद गांव में माहौल शांत है और लोग राहत महसूस कर रहे हैं। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि भविष्य में भी यदि ऐसी कोई अवैध गतिविधि दिखाई दे, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।

गांव के बुजुर्गों और महिलाओं ने पुलिस की कार्रवाई का स्वागत किया। उनका कहना है कि अवैध शराब के कारण परिवारों में कलह और घरेलू विवाद बढ़ रहे थे। कई बार रात में नशे में धुत लोग गाली-गलौज और झगड़ा करते थे, जिससे ग्रामीण भयभीत रहते थे। अब पुलिस की सख्ती से उम्मीद है कि ऐसे लोगों पर अंकुश लगेगा और गांव में शांति लौटेगी।

पुलिस का कहना है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और अवैध शराब बिक्री, जुआ, मारपीट और अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए विशेष टीम निगरानी रखेगी और आवश्यकता पड़ने पर गांव में पुनः दबिश दी जाएगी।

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि जब ग्रामीण एकजुट होकर प्रशासन के सामने अपनी बात रखते हैं, तो बदलाव संभव है। पुलिस और जनता के बीच तालमेल से न केवल अपराध पर लगाम लगाई जा सकती है, बल्कि सामाजिक माहौल को भी सुधारा जा सकता है।


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