बिलासपुर। शहर के कोनी थाने में गुरुवार की रात पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। छेड़छाड़ के मामले में गिरफ्तार एक युवक पुलिस हिरासत से भाग निकला। बताया जा रहा है कि रात में थाने में ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मी नींद में थे, इसी बीच आरोपी ने मौका पाकर चकमा दिया और फरार हो गया। यह घटना न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है बल्कि सुरक्षा व्यवस्था की पोल भी खोलती है।
नाबालिग ने की थी शिकायत
जानकारी के अनुसार, कोनी क्षेत्र की एक नाबालिग लड़की ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उसने आरोप लगाया था कि सरकंडा के मोपका स्थित गार्डन सिटी कॉलोनी में रहने वाला 20 वर्षीय स्वरित सिंह उसके साथ छेड़खानी करता है। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया और उसकी तलाश शुरू कर दी।
गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद ही भाग निकला
गुरुवार शाम को पुलिस ने दबिश देकर आरोपी स्वरित सिंह को पकड़ लिया और थाने लाया। रात को उसकी औपचारिक गिरफ्तारी की गई और उसे हिरासत में रखा गया। इस दौरान उसकी निगरानी के लिए आरक्षक रविशंकर जगत और आरक्षक प्रदीप पाव को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन, देर रात दोनों पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान सो गए। इसी बीच तड़के करीब 4 बजे आरोपी ने अपने हाथों पर लगी हथकड़ी को सरका लिया और चुपचाप थाने से फरार हो गया।
पुलिसकर्मियों ने दी सूचना
शुक्रवार सुबह जब पुलिसकर्मी जागे तो उन्हें आरोपी के फरार होने की जानकारी मिली। तत्काल इसकी सूचना टीआई राहुल तिवारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। इसके बाद पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन अब तक आरोपी का कोई सुराग नहीं मिला है।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल
इस घटना के सामने आने के बाद लोगों में नाराजगी है। सवाल उठ रहे हैं कि जब आरोपी को थाने में हिरासत में रखा गया था तो निगरानी इतनी ढीली क्यों थी। ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के सो जाने से आरोपी को आसानी से भागने का मौका मिल गया। सूत्रों के मुताबिक, विभाग स्तर पर इस लापरवाही की जांच कराई जाएगी और संबंधित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।
थाने में दर्ज हुआ नया केस
आरोपी स्वरित सिंह के खिलाफ पहले से ही छेड़छाड़ का केस दर्ज था। अब थाने से भागने की घटना के बाद उसके खिलाफ अभिरक्षा से फरार होने का भी नया केस दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
लगातार बढ़ रही चुनौतियाँ
यह घटना पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था और अनुशासन पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है। आए दिन गिरफ्तार आरोपी थानों से या रास्ते में भाग निकलते हैं, जो विभाग की साख को नुकसान पहुंचाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ऐसे मामलों पर सख्ती से कार्रवाई नहीं की गई तो आरोपी और अपराधियों के हौसले और भी बुलंद होंगे।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों का कहना है कि थानों को जनता की सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है, लेकिन जब आरोपी वहां से ही फरार हो जाते हैं, तो भरोसे की नींव हिलती है। उनका कहना है कि ऐसे मामलों में जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को कठोर दंड मिलना चाहिए ताकि भविष्य में लापरवाही न हो।