छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में प्रेम विवाह करने वाले एक युवक की याचिका पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। मामला एक युवती के लापता होने से जुड़ा है, जिसे उसके परिजन शादी के बाद जबरन अपने साथ ले गए। इसके बाद उसका कोई अता-पता नहीं है। पति द्वारा लगातार पुलिस से मदद मांगने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। इस पर युवक ने न्यायालय की शरण ली। अब हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीर मानते हुए मुंगेली एसपी को आदेश दिया है कि युवती को खोजकर 28 अगस्त तक अदालत में पेश किया जाए। साथ ही युवती के पिता को भी कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है।
दोस्ती से शुरू हुआ रिश्ता, पहुंचा शादी तक
जानकारी के मुताबिक, बिलासपुर निवासी सूरज बंजारे और मुंगेली जिले की युवती के बीच कई सालों से दोस्ती थी। धीरे-धीरे यह दोस्ती प्यार में बदल गई। दोनों ने साथ जीवन बिताने का निर्णय लिया और 15 मई 2025 को रायपुर के आर्य समाज मंदिर में विवाह कर लिया। विवाह के बाद दोनों पति-पत्नी की तरह साथ रह रहे थे।
परिजनों ने युवती को साथ ले जाकर किया गायब
सूरज का कहना है कि 28 मई को उसकी पत्नी के परिजन उससे मिलने आए थे। मुलाकात के बहाने वे युवती को अपने साथ ले गए और तब से अब तक उसका कोई पता नहीं चल पाया है। सूरज का आरोप है कि न तो उसकी पत्नी घर लौटी और न ही परिजन कोई जानकारी दे रहे हैं।
पुलिस से मदद की गुहार लेकिन कार्रवाई नहीं
पत्नी के न लौटने पर सूरज ने उसकी खोजबीन शुरू की। उसने युवती के परिजनों से कई बार संपर्क किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद सूरज ने थाने का चक्कर लगाया और शिकायत दर्ज कराई। मगर, उसके अनुसार पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की और मामले को टालती रही।
कोर्ट में लगाई बंदी-प्रत्यक्षीकरण याचिका
पुलिस से निराश होकर सूरज ने हाईकोर्ट में बंदी-प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। याचिका में उसने कहा कि उसकी पत्नी को परिजन जबरन ले गए हैं और अब वह कहीं दिखाई नहीं दे रही है। उसकी जान को खतरा हो सकता है। वकील ने भी दलील दी कि युवती की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उसे जल्द से जल्द बरामद कर अदालत में पेश किया जाना चाहिए।
हाईकोर्ट का आदेश
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान मामले को संवेदनशील मानते हुए सख्त रुख अपनाया। अदालत ने स्पष्ट किया कि युवती की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस संबंध में मुंगेली एसपी को आदेश दिया गया कि हर संभव प्रयास से युवती को ढूंढा जाए और 28 अगस्त तक अदालत में पेश किया जाए। इसके साथ ही युवती के पिता को भी कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।
मामला बना जनचर्चा का विषय
यह मामला अब क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। लोगों का कहना है कि प्रेम विवाह के मामलों में अक्सर परिजनों का विरोध देखने को मिलता है, लेकिन कानून और व्यवस्था को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अदालत के हस्तक्षेप के बाद उम्मीद है कि युवती की स्थिति साफ होगी और न्याय मिल सकेगा।
यह घटना एक बार फिर से सवाल खड़े करती है कि क्या समाज में आज भी प्रेम विवाह करने वाले जोड़े सुरक्षित नहीं हैं। पुलिस की उदासीनता ने भी कानून-व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े किए हैं। अब देखना होगा कि अदालत के आदेश के बाद युवती की खोज कितनी तेजी से होती है और वह सुरक्षित है या नहीं।