भिलाई में भव्य जन्माष्टमी उत्सव: अक्षय पात्र मंदिर में विशेष श्रृंगार और नंद उत्सव की तैयारी


 

भिलाई में इस बार जन्माष्टमी पर्व का उत्सव बेहद खास अंदाज में मनाया जा रहा है। शहर का माहौल कृष्ण भक्ति में रंग चुका है और मंदिरों में सजावट, धार्मिक कार्यक्रम और तैयारियों का दौर जारी है। सेक्टर-6 स्थित अक्षय पात्र मंदिर इस आयोजन का मुख्य आकर्षण बना हुआ है। यहां पहली बार मथुरा-वृंदावन से आए कलाकार भगवान श्रीकृष्ण का श्रृंगार करेंगे। मंदिर को बांके बिहारी मंदिर की तर्ज पर सजाया गया है। इस सजावट में करीब 5 लाख रुपए के फूलों का उपयोग किया गया है। इन फूलों को खासतौर पर मथुरा, कोलकाता, मदुराई और नागपुर से मंगवाया गया है।

हरे कृष्ण मूवमेंट के अध्यक्ष व्योमपद दास ने बताया कि यह आयोजन लगातार 15 वर्षों से किया जा रहा है। पिछले वर्ष लगभग 50 हजार श्रद्धालुओं ने यहां दर्शन किए थे और इस बार संख्या और भी अधिक होने की संभावना है। जन्माष्टमी पर विशेष कार्यक्रम 16 अगस्त को होंगे। सुबह 4:30 बजे मंगल आरती से शुरुआत होगी। दिनभर अलग-अलग धार्मिक आयोजन होंगे। शाम 8:15 से 9:30 बजे तक अगम अग्रवाल और उनका समूह भजन संध्या प्रस्तुत करेगा। रात 10 बजे से जन्माष्टमी विशेष महा अभिषेक होगा और ठीक मध्यरात्रि में महा आरती के बाद भक्तों को महाप्रसाद वितरित किया जाएगा।

इस अवसर पर सात दिवसीय महोत्सव का भी आयोजन किया गया है, जो 10 अगस्त से शुरू हुआ और 16 अगस्त तक चलेगा। इसमें पेंटिंग, ड्राइंग, गीता श्लोक पाठ, शास्त्रीय नृत्य और संगीत प्रतियोगिताओं का आयोजन हो रहा है। बच्चों और युवाओं में इन प्रतियोगिताओं को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है। भगवान श्रीकृष्ण के श्रृंगार के लिए विशेष पोशाक वृंदावन से मंगाई गई है।

16 अगस्त की रात जन्माष्टमी महोत्सव के बाद 17 अगस्त को नंद उत्सव बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। इसमें श्रीकृष्ण की लीलाओं को मंचन के जरिए प्रस्तुत किया जाएगा और भक्ति गीतों के बीच उत्सव का आनंद लिया जाएगा।

भिलाई-दुर्ग के अन्य मंदिरों में भी जन्माष्टमी की तैयारियां तेजी से हो रही हैं। ब्रज मंडल, नेहरू नगर और रिसाली के राधा-कृष्ण मंदिरों में रंग-रोगन और भव्य सजावट की गई है। भक्तों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाओं को मजबूत किया गया है। पुलिस और प्रशासन ने भी सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।

श्रद्धालु इस अवसर को केवल धार्मिक कार्यक्रम के रूप में ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता के पर्व के रूप में भी देख रहे हैं। खासतौर पर बच्चों और युवाओं के बीच इस उत्सव का विशेष आकर्षण है, क्योंकि यह उनके लिए धार्मिक शिक्षाओं को समझने और संस्कृति से जुड़ने का अवसर बन रहा है।

अक्षय पात्र मंदिर और आसपास के क्षेत्रों में भक्तों की भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए आयोजन समिति ने भव्य पंडाल, पार्किंग की व्यवस्था और प्रसाद वितरण के लिए पर्याप्त इंतजाम किए हैं। भक्तों में जन्माष्टमी के इस अद्भुत आयोजन को लेकर उत्साह चरम पर है और पूरा शहर कृष्ण भक्ति में डूबने को तैयार है।

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