बालोद जिले के दल्लीराजहरा थाना क्षेत्र से शनिवार सुबह एक दर्दनाक घटना सामने आई। पुलिस बैरक में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) हीरामन मंडावी ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। घटना सुबह करीब 7:30 बजे की है, जब बैरक में मौजूद जवान अपने-अपने कार्यों में व्यस्त थे। उसी दौरान कुछ आरक्षक स्नान कर लौटे और उन्होंने एएसआई को पंखे से झूलते देखा। तत्काल उन्हें नीचे उतारा गया और अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
7 महीने पहले हुआ था ट्रांसफर
मृतक एएसआई हीरामन मंडावी दुर्ग जिले के बोरसी गांव के रहने वाले थे। उनका परिवार भी वहीं रहता है। वे लंबे समय से बालोद जिले में सेवा दे रहे थे। यातायात विभाग समेत जिले के कई थानों में वे अपनी ड्यूटी निभा चुके थे। करीब सात महीने पहले ही उनका ट्रांसफर अर्जुन्दा से दल्लीराजहरा थाने में हुआ था। सहकर्मियों के अनुसार, शुक्रवार रात वे सामान्य रूप से ड्यूटी पर मौजूद थे और करीब 11 बजे तक अपने कामकाज में व्यस्त रहे। उसके बाद वे सोने चले गए। किसी को अंदेशा भी नहीं था कि वे इतना बड़ा कदम उठा लेंगे।
आत्महत्या की वजह स्पष्ट नहीं
इस घटना को लेकर दल्लीराजहरा की सीएसपी चित्रा वर्मा ने बताया कि एएसआई पुलिस बैरक में ही रहते थे और उसी कमरे में फांसी लगाई है। प्रारंभिक जांच में आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। परिजनों को सूचना दे दी गई है और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए चिखलकसा मॉर्च्युरी भेजा गया है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि किन परिस्थितियों ने एएसआई को आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर किया।
सहकर्मी सदमे में
एएसआई की अचानक हुई मौत से दल्लीराजहरा थाना परिसर में शोक का माहौल है। जो जवान उनके साथ ड्यूटी कर रहे थे, वे सदमे में हैं। सहकर्मियों का कहना है कि उन्होंने कभी भी हीरामन मंडावी को परेशान या तनावग्रस्त हालत में नहीं देखा। वे अपने कामकाज में हमेशा गंभीर और जिम्मेदार रहते थे। अब यह सवाल सबके मन में है कि आखिर ऐसा क्या हुआ, जिसने उन्हें यह कठोर निर्णय लेने पर मजबूर कर दिया।
परिवार में पसरा मातम
एएसआई मंडावी के निधन की खबर जैसे ही दुर्ग जिले स्थित उनके परिवार तक पहुंची, वहां मातम छा गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव और आसपास के लोगों ने बताया कि हीरामन मंडावी अपने गांव में एक मिलनसार और शांत स्वभाव के व्यक्ति के रूप में जाने जाते थे। उनके इस तरह से अचानक चले जाने की बात पर कोई भी यकीन नहीं कर पा रहा है।
जांच के बाद ही सामने आएगा सच
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और आगे की जांच के आधार पर ही आत्महत्या के पीछे की असल वजह सामने आ पाएगी। फिलहाल थाना परिसर में सुरक्षा और अनुशासन को देखते हुए अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।
सवाल खड़े कर रही घटना
पुलिस महकमे में कार्यरत एक अधिकारी का इस तरह आत्महत्या करना कई सवाल खड़े करता है। अक्सर पुलिसकर्मी लंबी ड्यूटी, दबाव और पारिवारिक कारणों से मानसिक तनाव झेलते हैं। इस घटना ने एक बार फिर इस मुद्दे को सामने ला दिया है कि पुलिसकर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है।