कवर्धा, छत्तीसगढ़।
कवर्धा पुलिस ने एक बड़ी ठगी का खुलासा करते हुए मंगलवार को तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोग आपस में बाप-बेटे हैं, जिन्होंने शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट के नाम पर लोगों से भारी भरकम रकम वसूली और फिर उन्हें धोखा दिया। पुलिस की जांच में अब तक यह सामने आया है कि आरोपियों ने प्रदेशभर में करीब 50 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की है।
शिकायत के बाद खुला मामला
जानकारी के अनुसार, 30 अक्टूबर 2024 को एक निवेशक शिव सोनी ने कवर्धा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया कि DYPDHURWE BROTHERS CONSULTANTS PVT. LTD. नामक कंपनी के संचालकों ने उसे निवेश के नाम पर ठगा है। आरोपियों ने हर महीने 10 प्रतिशत मुनाफे और एक साल बाद मूलधन लौटाने का झांसा देकर लोगों को निवेश करने के लिए तैयार किया। लेकिन न तो निवेशकों को वादा किया गया मुनाफा मिला और न ही उनकी मूल राशि वापस की गई।
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने IPC की धारा 420 और 34 के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की।
एक ही जिले में करोड़ों का नुकसान
जांच में खुलासा हुआ कि केवल कवर्धा जिले में ही आरोपियों ने लगभग 1 करोड़ 39 लाख रुपए की ठगी की है। इसके अलावा अन्य जिलों में मिलाकर यह रकम 50 करोड़ रुपए से भी अधिक पाई गई। इस ठगी के शिकार बने निवेशकों में अधिकांश मध्यमवर्गीय परिवार शामिल हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई को सुरक्षित भविष्य की उम्मीद में निवेश किया था।
ठगी के पैसों से खरीदी जमीन और गाड़ियां
जांच आगे बढ़ने पर यह भी सामने आया कि ठगों ने निवेशकों से हड़पी गई रकम का उपयोग संपत्ति जुटाने में किया। उन्होंने बिलासपुर में 57 लाख रुपए की जमीन, कवर्धा में 1 करोड़ 10 लाख की जमीन खरीदी। इसके अलावा दो गाड़ियां भी अपने नाम पर ली गईं। पुलिस ने इन संपत्तियों के दस्तावेज जब्त कर लिए हैं।
गिरफ्तारी और रिमांड
19 अगस्त 2025 को पुलिस ने आरोपियों धर्मेश धुर्वे (35 वर्ष), यतीन्द्र धुर्वे (29 वर्ष) और नारायण प्रसाद धुर्वे (56 वर्ष) को गिरफ्तार कर लिया। तीनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।
पुलिस की कार्रवाई
डीएसपी कृष्णा चंद्राकर ने बताया कि कई दिनों तक चली जांच, दस्तावेजों के परीक्षण और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पुलिस टीम ने कार्रवाई की। आरोपियों के ठिकानों पर दबिश दी गई और वहां से ठगी की रकम से खरीदी गई संपत्तियों के दस्तावेज, गाड़ियां और अन्य महत्वपूर्ण कागजात बरामद किए गए।
आगे की जांच जारी
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला बेहद गंभीर है, क्योंकि आरोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश में निवेशकों को अपना शिकार बनाया। जांच अभी जारी है और संभावना है कि आने वाले दिनों में और भी पीड़ित सामने आएंगे। पुलिस अब उन सभी निवेशकों की सूची तैयार कर रही है, जिन्होंने इस कंपनी में अपनी राशि लगाई थी। साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि ठगी के पैसों को और कहां-कहां खर्च किया गया।
लोगों को चेतावनी
पुलिस प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी तरह की लालच भरी योजना में बिना ठोस जानकारी के निवेश न करें। अधिक मुनाफे का दावा करने वाली योजनाएं अक्सर धोखाधड़ी साबित होती हैं। ऐसे मामलों में सतर्क रहना और तुरंत पुलिस को सूचित करना ही सुरक्षित उपाय है।