सट्टेबाजी का जाल: बिलासपुर में हर गली-मोहल्ले में सक्रिय सटोरिए, क्रिकेट पर करोड़ों का दांव

सट्टेबाजी का जाल: बिलासपुर में हर गली-मोहल्ले में सक्रिय सटोरिए, क्रिकेट पर करोड़ों का दांव

बिलासपुर: आईपीएल के शुरू होते ही बिलासपुर शहर में सट्टेबाजों का नेटवर्क फिर से पूरी तरह सक्रिय हो गया है। हर गली और मोहल्ले में सटोरिए जमकर क्रिकेट मैचों पर सट्टा लगवा रहे हैं। आश्चर्य की बात यह है कि पुलिस और एसीसीयू (एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट) इस पूरे खेल से बेखबर नजर आ रही हैं, जिससे सटोरियों के हौसले बुलंद हो गए हैं।



आईपीएल के आते ही पुराने और कुख्यात सटोरिए फिर से मैदान में उतर चुके हैं। हालांकि, वे खुद सामने नहीं आते, बल्कि अपने गुर्गों के माध्यम से इस खेल को अंजाम दे रहे हैं। तोरवा, देवरीखुर्द, विनोबा नगर, राजकिशोर नगर और सिंधी कॉलोनी जैसे इलाकों में ये सट्टेबाज पूरी तरह सक्रिय हैं, और मोबाइल के जरिए लोगों को सट्टे के जाल में फंसा रहे हैं।

सट्टेबाजी का नेटवर्क मोबाइल से चल रहा है

इस बार सट्टेबाजी का पूरा खेल मोबाइल और ऑनलाइन माध्यम से संचालित किया जा रहा है। लाखों रुपये की सट्टेबाजी रोज हो रही है और इसमें कई युवा भी फंसते जा रहे हैं। शहर में अलग-अलग इलाकों में सट्टे की बुकिंग के लिए ठिकाने बनाए गए हैं, जहां छोटे एजेंट बड़े बुकी तक रकम पहुंचा रहे हैं।

पुलिस की कार्रवाई नदारद, सटोरियों के हौसले बुलंद

चौंकाने वाली बात यह है कि बिलासपुर के अलग-अलग इलाकों में सट्टेबाज पूरी तरह सक्रिय हैं, लेकिन पुलिस अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर पाई है। लंबे समय से सटोरियों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिससे सटोरियों का यह खेल खुल्लम-खुल्ला चल रहा है। सिर्फ औपचारिकता के लिए कुछ गुर्गों की गिरफ्तारी की जाती है, लेकिन मुख्य सटोरियों तक पुलिस का हाथ नहीं पहुंच पाता।

पुलिस और एसीसीयू की भूमिका पर उठ रहे सवाल

शहर में बढ़ती सट्टेबाजी को लेकर पुलिस की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। आईपीएल के दौरान जहां पुलिस पहले सटोरियों पर लगाम कसती थी, इस बार ऐसा न होने से संदेह गहरा हो रहा है। आरोप है कि पुलिस और एसीसीयू के कुछ कर्मियों की मिलीभगत से यह खेल फल-फूल रहा है। साइबर सेल की मदद से ही ऑनलाइन सटोरियों की पहचान और उनकी लोकेशन का पता लगाया जा सकता है, लेकिन फिलहाल कोई ठोस कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही।

बिलासपुर में सट्टेबाजी के इस खेल पर अगर जल्द ही कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो यह शहर में और गहरी जड़ें जमा सकता है।



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