भिलाई में आस्था पर संकट: शिवशक्ति धाम समिति का सेप्टिक टैंक निर्माण के खिलाफ आंदोलन का ऐलान
भिलाई: कुरुद नकटा तालाब के पास अवैध प्लॉटिंग और निर्माण कार्य को लेकर शिवशक्ति धाम समिति ने कड़ा विरोध जताया है। समिति ने नगर निगम और जोन आयुक्त को पत्र लिखकर तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
समिति की ओर से दुर्गा मंदिर की देखरेख करने वाले मलकीत सिंह ने बताया कि मंदिर के ठीक पीछे अवैध रूप से प्लॉटिंग कर मकान बनाए जा रहे हैं। बिना बिल्डिंग परमिशन के हो रहे इन निर्माण कार्यों की शिकायत पहले भी निगम से की गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
मंदिर की पवित्रता पर संकट! मलकीत सिंह ने कहा कि सबसे चिंताजनक बात यह है कि मंदिर के ठीक पीछे एक प्लॉट बेचा गया है, और वहां सेप्टिक टैंक का निर्माण किया जा रहा है। यह टैंक मंदिर की दीवार से सटा हुआ होगा, जिससे निकलने वाला गंदा पानी और दुर्गंध आस्था स्थल को अपवित्र कर सकती है। उन्होंने इस मुद्दे को हिंदू धर्म की भावनाओं के खिलाफ बताया और चेतावनी दी कि अगर यह निर्माण नहीं रुका, तो समिति आंदोलन करने को मजबूर होगी।
समिति की चेतावनी: नहीं रुका निर्माण तो होगा आंदोलन शिवशक्ति धाम समिति के सदस्य आशीष दुबे, कुंज बिहारी सिंह, मंजीत सिंह, आकाश गिरि, मिलिंद, अभय द्विवेदी, गगन सिंह और कीर्तन कुमार ने भी इस मुद्दे को गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि अगर अवैध निर्माण कार्य को तुरंत नहीं रोका गया तो यह साफ हो जाएगा कि नगर निगम के अधिकारी ही इन कार्यों को संरक्षण दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में समिति विरोध प्रदर्शन करेगी।
नकटा तालाब पर फिर कब्जे की कोशिश! एक महीने पहले ही नकटा तालाब के ऊपर अवैध रूप से बने मकानों को तोड़ा गया था और वहां रहने वाले लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नए मकान दिए गए थे। लेकिन अब फिर से कुछ लोग तालाब के ऊपर झोपड़ियां बना रहे हैं, जिससे तालाब का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है।
तालाब पर बढ़ता अतिक्रमण, प्रशासन मौन! कुरुद नकटा तालाब सरकारी जमीन पर बना है, जिसका क्षेत्रफल 2.38 हेक्टेयर से अधिक है। गगन सिंह का कहना है कि लोगों ने तालाब की मेड़ पर अवैध कब्जा कर प्लॉटिंग कर दी है। कई लोगों ने अपने मकान बनाकर, तो कुछ ने पार्किंग और दुकानें बनाकर इस भूमि को घेर लिया है।
मंजीत सिंह ने बताया कि कई बार सीमांकन की मांग की गई, लेकिन हर बार RI और पटवारी बिना उचित नापजोख किए रिपोर्ट देकर चले जाते हैं। समिति ने मांग की है कि प्रशासन तुरंत कार्रवाई कर तालाब की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराए।
अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर क्या कदम उठाता है या फिर जनता को खुद ही आंदोलन के रास्ते पर चलना पड़ेगा।
