रायपुर, छत्तीसगढ़ | 22 मई 2025
छत्तीसगढ़ में मौसम ने अचानक करवट ली है। मंगलवार को राज्य के अलग-अलग हिस्सों में तेज बारिश, आंधी और बिजली गिरने की घटनाएं दर्ज की गईं। सबसे दुखद हादसा राजनांदगांव जिले से सामने आया, जहां बिजली गिरने से पिता-पुत्र समेत चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। इस दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है।
राज्य मौसम विभाग ने आने वाले 24 से 48 घंटों के लिए छत्तीसगढ़ के 10 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इन जिलों में तेज हवाएं, भारी बारिश और वज्रपात की प्रबल संभावना है। लोगों को बिना आवश्यकता के घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है।
दर्दनाक हादसा: खेत में काम करते समय गिरी बिजली
राजनांदगांव जिले के छुरिया ब्लॉक के ग्राम खैरकट्टा में मंगलवार दोपहर को एक ही परिवार के दो सदस्य – पिता और पुत्र – खेत में काम कर रहे थे, तभी अचानक तेज गर्जना के साथ आकाशीय बिजली उनके ऊपर गिर गई। घटनास्थल पर ही दोनों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान 45 वर्षीय कैलाश यादव और उनके 17 वर्षीय बेटे सुरेश यादव के रूप में हुई है। इसके अलावा गरियाबंद जिले के पीपरछेड़ी और बलौदाबाजार जिले के कसडोल इलाके में भी दो अन्य लोगों की मौत बिजली गिरने से हुई।
स्थानीय प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा किया और रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी है।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने छत्तीसगढ़ के 10 जिलों – बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कांकेर, नारायणपुर, गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी, बालोद और कवर्धा – के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में अगले दो दिनों तक तेज आंधी (40 से 60 किमी/घंटा की रफ्तार से), गरज-चमक के साथ बारिश और बिजली गिरने की आशंका है। लोगों से अपील की गई है कि वे खुले मैदानों, पेड़ों के नीचे और जलस्रोतों से दूर रहें।
तापमान में उतार-चढ़ाव, दुर्ग सबसे गर्म
राज्य के तापमान में भी भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। एक ओर जहां दक्षिणी छत्तीसगढ़ में बारिश हो रही है, वहीं मध्य और उत्तर छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में लू जैसी स्थिति बनी हुई है। मंगलवार को दुर्ग जिले में अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पूरे राज्य में सबसे अधिक रहा। बिलासपुर और रायपुर में तापमान क्रमशः 40.2 और 39.8 डिग्री सेल्सियस रहा।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह असमंजस भरा मौसम क्लाइमेट चेंज का संकेत है। मई के अंतिम सप्ताह में भी इस तरह की तीव्र मौसमीय गतिविधियां सामान्य नहीं मानी जातीं।
प्रशासन और राहत दल अलर्ट पर
राज्य सरकार ने जिला कलेक्टरों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। सभी तहसीलदारों, पटवारियों और पंचायत सचिवों को संवेदनशील इलाकों में नजर बनाए रखने को कहा गया है। आपदा प्रबंधन की टीमें तैयार रखी गई हैं। किसी भी आकस्मिक घटना के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।
आपातकालीन संपर्क नंबर
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राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष: 1070
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जिला आपदा नियंत्रण: संबंधित जिलों के कलेक्ट्रेट कार्यालय
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स्थानीय थाने और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को सतर्क किया गया है।
नागरिकों के लिए निर्देश
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि:
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खराब मौसम के दौरान घर से बाहर न निकलें।
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मोबाइल या किसी भी धातु के उपकरण का उपयोग खुले में न करें।
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सुरक्षित स्थानों पर शरण लें और बच्चों व बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।
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बिजली गिरने के समय पेड़ों के नीचे या बिजली के खंभों से दूर रहें।