**सूरजपुर में दिल दहलाने वाली वारदात: 5 साल की मासूम से नौकर ने किया रेप, खेलने के बहाने कमरे में ले जाकर की हैवानियत, जंगल से गिरफ्तार**
सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। भटगांव थाना क्षेत्र में एक 5 साल की मासूम बच्ची के साथ 35 वर्षीय नौकर रामकुमार ने रेप की घिनौनी वारदात को अंजाम दिया। बच्ची को खेलने के बहाने घर के दूसरे कमरे में ले जाकर हैवानियत करने के बाद आरोपी फरार हो गया था, लेकिन पुलिस ने उसे कुछ ही घंटों में जंगल से धर दबोचा।
**रोती हुई बच्ची ने बयां की दर्दनाक कहानी**
घटना उस समय सामने आई जब मासूम बच्ची रोती हुई अपनी मां के पास पहुंची। मां ने बच्ची से पूछताछ की तो इस दिल दहलाने वाली वारदात का खुलासा हुआ। बच्ची के परिजनों ने तुरंत भटगांव थाने में शिकायत दर्ज की। पुलिस ने फौरन FIR दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी।
**पुलिस की तेज कार्रवाई, जंगल से पकड़ा गया आरोपी**
सूरजपुर एएसपी संतोष महतो ने बताया कि आरोपी को पकड़ने के लिए दो पुलिस टीमें गठित की गईं। पुलिस ने पहले आरोपी के घर दबिश दी, लेकिन वह वहां नहीं मिला। इसके बाद उदयपुर थाना क्षेत्र के रिकी गांव के जंगल में छिपे रामकुमार को कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसके खिलाफ रेप और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है, और अब उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेजा जा रहा है।
**छत्तीसगढ़ में बच्चों पर बढ़ते अत्याचार**
यह कोई पहली घटना नहीं है। हाल ही में दुर्ग जिले में एक 6 साल की बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था, जहां आरोपी बच्ची का चाचा निकला। NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में हर 5 घंटे में एक नाबालिग के साथ रेप की घटना हो रही है। हैरानी की बात यह है कि 90% मामलों में आरोपी रिश्तेदार, जान-पहचान वाले या करीबी लोग ही होते हैं। रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग जैसे जिले बच्चियों के लिए सबसे असुरक्षित साबित हो रहे हैं।
**क्यों बढ़ रहे हैं ऐसे जघन्य अपराध?**
साइकोलॉजिस्ट डॉ. कृष्णा दत्त बताते हैं कि इस तरह के अपराध करने वाले लोग मानसिक रूप से कमजोर और समाज से कटे हुए होते हैं। बच्चों पर अत्याचार कर वे खुद को ताकतवर महसूस करते हैं। इसके अलावा, पोर्न वीडियो तक आसान पहुंच भी इन अपराधों को बढ़ावा दे रही है। कुछ लोग पोर्न देखकर ऐसी हरकतों को अपनी जिंदगी में दोहराने की कोशिश करते हैं, और मासूम बच्चे उनके लिए आसान शिकार बन जाते हैं।
**आवाज उठाने का वक्त**
यह घटना सिर्फ एक अपराध की कहानी नहीं, बल्कि समाज में बढ़ती असुरक्षा और बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठाती है। क्या हम अपने बच्चों को सुरक्षित माहौल दे पा रहे हैं? यह वक्त है जागरूक होने का, ताकि मासूमों को ऐसी हैवानियत से बचाया जा सके।

