राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ | रेलवे ट्रैक पर बिछी केबल तारों की चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिससे रेलवे संचालन और यात्रियों की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। इसी कड़ी में राजनांदगांव जिले में एक बड़ी चोरी का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों आरोपियों ने यूट्यूब से वीडियो देखकर केबल काटने की तकनीक सीखी थी और रेलवे की भूमिगत केबल चोरी कर रहे थे।
रेलवे पुलिस और जिला पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में इन दोनों को पकड़ा गया। आरोपियों के पास से करीब 91 मीटर रेलवे सिग्नलिंग केबल बरामद की गई है। पुलिस का कहना है कि ये केबल तार काफी महंगे होते हैं और रेलवे के संचालन में बेहद जरूरी होते हैं। केबल की चोरी से न केवल सिग्नलिंग प्रणाली बाधित होती है, बल्कि दुर्घटना का खतरा भी बढ़ जाता है।
यूट्यूब बना अपराध का गुरू
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रमेश यादव (24 वर्ष) और संतोष ठाकुर (27 वर्ष) के रूप में हुई है। दोनों राजनांदगांव के ही निवासी हैं और पहले भी छोटे-मोटे अपराधों में शामिल रह चुके हैं। पूछताछ में उन्होंने कबूल किया कि उन्होंने यूट्यूब से वीडियो देखकर यह सीखा कि रेलवे के केबल तारों को कैसे काटा जाए, कौन-सी मशीनरी की जरूरत होती है और चोरी के बाद कबाड़ में बेचने का तरीका क्या होता है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, दोनों आरोपियों ने चोरी से पहले इलाके का पूरा निरीक्षण किया था। उन्होंने देखा कि किन स्थानों पर रेलवे की भूमिगत केबल बिछी हुई है और किस समय ट्रेनों की आवाजाही कम होती है। इसके बाद रात के अंधेरे में केबल काटने की योजना बनाई गई।
रेलवे प्रशासन में हड़कंप
इस घटना के सामने आने के बाद रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों का कहना है कि केबल चोरी की वजह से रेलवे की सिग्नलिंग प्रणाली बाधित हो सकती थी, जिससे बड़े हादसे का खतरा था। गनीमत रही कि समय रहते चोरी का पता चल गया और पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि चोरी हुई केबल की कीमत लाखों रुपए में है। इसके अलावा, इसकी मरम्मत और पुनर्स्थापना में भी भारी खर्च आएगा। प्रशासन ने संबंधित इलाके की सुरक्षा बढ़ा दी है और निगरानी के लिए अतिरिक्त कैमरे लगाए जा रहे हैं।
पूछताछ में कई राज उजागर
पूछताछ के दौरान पुलिस को यह भी पता चला है कि आरोपी पहले भी अन्य स्थानों पर इसी तरह की चोरी की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। उन्होंने कबूल किया कि चोरी किया गया केबल वे पास के कबाड़ी बाजार में बेचते थे, जहां इसे कॉपर और एल्यूमिनियम निकालने के लिए गलाया जाता था।
पुलिस अब कबाड़ी दुकानों पर भी नजर बनाए हुए है और यह जांच की जा रही है कि चोरी का माल किसने खरीदा। संभावना है कि इस पूरे मामले में एक बड़ा गिरोह शामिल हो सकता है, जिसमें कबाड़ी, तकनीकी जानकार और अन्य लोग भी शामिल हैं।
कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
राजनांदगांव पुलिस अधीक्षक ने प्रेस वार्ता में कहा कि रेलवे की संपत्ति से छेड़छाड़ करना एक गंभीर अपराध है और इस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि रेलवे ट्रैक और उससे जुड़ी प्रणाली की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की ढील नहीं दी जाएगी।
उन्होंने यह भी अपील की कि आम नागरिक यदि इस प्रकार की किसी गतिविधि को देखें तो तुरंत पुलिस या रेलवे अधिकारियों को सूचित करें।