"धमतरी में सांप के डसने से बुजुर्ग महिला की मौत, बरामदे में सोते वक्त हुआ हमला"


 

धमतरी (छत्तीसगढ़), 10 मई 2025: जिले के एक गांव में सांप के काटने से एक बुजुर्ग महिला की दर्दनाक मौत हो गई। महिला रात को घर के बरामदे में जमीन पर सो रही थी, तभी जहरीले सांप ने उसे डस लिया। परिजन तुरंत उसे अस्पताल लेकर भागे, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। घटना से गांव में शोक का माहौल है।

घटना शुक्रवार देर रात की बताई जा रही है। मृतका की पहचान 65 वर्षीय सरस्वती बाई साहू के रूप में हुई है, जो धमतरी जिले के कुरूद ब्लॉक अंतर्गत एक छोटे से गांव बोराई की निवासी थीं। सरस्वती बाई रोज की तरह रात का खाना खाने के बाद घर के बरामदे में चटाई बिछाकर सो रही थीं। गर्मी से राहत पाने के लिए वह अक्सर खुले में सोती थीं।

रात करीब 2 बजे के आसपास, जब परिवार के लोग गहरी नींद में थे, तब सरस्वती बाई को अचानक सांप ने डस लिया। बताया जा रहा है कि उन्हें कुछ महसूस हुआ और उन्होंने दर्द की शिकायत की, जिसके बाद पास में सो रहे परिजनों की नींद खुली। जब उन्होंने टॉर्च की रोशनी में देखा तो पास में एक काला सांप रेंगता हुआ नजर आया।

परिजन घबरा गए और बिना देर किए उन्हें पास के सरकारी अस्पताल ले जाने के लिए रवाना हुए। लेकिन गांव से अस्पताल की दूरी करीब 20 किलोमीटर थी और सड़कें संकरी ऊबड़-खाबड़ होने की वजह से वाहन की रफ्तार धीमी थी। इसी दौरान रास्ते में ही सरस्वती बाई ने दम तोड़ दिया। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

"हमने जितनी जल्दी हो सका, उन्हें अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन रास्ता खराब था और समय हाथ से निकल गया," यह कहते हुए मृतका के बेटे की आंखों से आंसू बहने लगे।

गांव में इस घटना के बाद मातम पसरा हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि सरस्वती बाई गांव में एक मिलनसार और धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं। वे अक्सर मंदिर में पूजा-पाठ और सामाजिक आयोजनों में भाग लेती थीं।

वन विभाग को जब इस घटना की सूचना दी गई, तो उन्होंने क्षेत्र में सांप पकड़ने वाले दल को भेजने की बात कही है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बारिश से पहले का यह मौसम सांपों की सक्रियता का समय होता है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।

सांप काटने के बाद क्या करें – विशेषज्ञों की राय:

इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भी लोगों को जागरूक करने की अपील की है। जिला अस्पताल के सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ. ए. वर्मा ने बताया,
"सांप के काटने की स्थिति में घबराना नहीं चाहिए। तुरंत मरीज को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल पहुंचाना चाहिए। झाड़-फूंक या देरी जानलेवा साबित हो सकती है।"

उन्होंने आगे बताया कि गांवों में अक्सर लोग पहले ओझा या बैगा के पास जाने की गलती करते हैं, जिससे कीमती समय बर्बाद हो जाता है।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव जाकर लोगों को जागरूक करने के लिए एक शिविर आयोजित करने का भी निर्णय लिया है, जिसमें बताया जाएगा कि सांप से बचाव कैसे करें और अगर काट ले तो क्या कदम उठाएं।

बरामदे में सोने से पहले बरतें सावधानी:

गर्मी के मौसम में लोग अक्सर खुले में या बरामदे में जमीन पर सोते हैं, जिससे सांपों के काटने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। वन विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि जमीन पर सोने से पहले साफ-सफाई रखें, रोशनी की व्यवस्था करें और मच्छरदानी या ऊँचे पलंग का उपयोग करें।

सरस्वती बाई की अचानक हुई इस दुखद मृत्यु ने एक बार फिर ग्रामीण जीवन में मौजूद जोखिमों की ओर ध्यान आकर्षित किया है। जरूरत है कि लोग सतर्क रहें और प्राकृतिक खतरे के प्रति समय रहते आवश्यक सावधानी बरतें।


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