राजनांदगांव (छत्तीसगढ़): जिले के शिवनाथ नदी में शनिवार को एक दर्दनाक हादसे में बालोद जिले का एक नाबालिग बालक डूब गया। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। दुर्ग से पहुंची एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स) की टीम ने कई घंटों की मशक्कत के बाद बालक का शव नदी से बाहर निकाला।
घटना सुबह लगभग 11 बजे की बताई जा रही है जब बालोद निवासी 16 वर्षीय बालक अपने दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने और नहाने के लिए शिवनाथ नदी के किनारे पहुंचा था। दोस्तों के साथ मस्ती करते हुए वह नदी में उतर गया, लेकिन अचानक गहरे पानी में जाने के कारण डूबने लगा। साथ में मौजूद दोस्तों ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। उन्होंने तुरंत स्थानीय लोगों और प्रशासन को सूचना दी।
सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। लेकिन नदी का बहाव तेज होने और गहराई अधिक होने के कारण तत्काल रेस्क्यू संभव नहीं हो सका। इसके बाद दुर्ग स्थित एसडीआरएफ यूनिट को बुलाया गया, जो कुछ ही घंटों में मौके पर पहुंच गई। एसडीआरएफ की टीम ने विशेष उपकरणों की मदद से सर्च ऑपरेशन शुरू किया और करीब 3 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद बालक का शव बरामद किया।
स्थानीय लोगों में शोक की लहर
घटना के बाद से ही क्षेत्र में शोक का माहौल है। नाबालिग की पहचान बालोद जिले के रहने वाले एक स्कूली छात्र के रूप में हुई है, जो गर्मी की छुट्टियों में दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने आया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि शिवनाथ नदी का यह हिस्सा बेहद गहरा और खतरनाक माना जाता है, जहां पहले भी डूबने की घटनाएं हो चुकी हैं। बावजूद इसके यहां सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए हैं।
प्रशासन ने की अपील
हादसे के बाद जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि गर्मी के मौसम में नदियों, तालाबों और अन्य जल स्रोतों में नहाने से पहले पूरी सावधानी बरतें। खासकर बच्चों और किशोरों को बिना सुरक्षा उपायों के ऐसे स्थानों पर जाने से रोका जाए। प्रशासन ने यह भी संकेत दिए हैं कि नदी के खतरनाक हिस्सों में चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे और आवश्यक सुरक्षा उपाय किए जाएंगे।
एसडीआरएफ की सराहना
स्थानीय लोगों और मृतक के परिजनों ने एसडीआरएफ की त्वरित कार्रवाई और समर्पण की प्रशंसा की। टीम ने सीमित संसाधनों के बावजूद विषम परिस्थितियों में बेहतरीन काम किया और शव को बाहर निकालकर परिजनों को सौंपा। इस हादसे ने एक बार फिर जलस्रोतों में सुरक्षा और जागरूकता की आवश्यकता को उजागर कर दिया है।
पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और बाद में अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह दुर्घटना प्रतीत हो रही है, लेकिन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है।