**दुर्ग में हंगामा: कुम्हारी टोल प्लाजा बंद करने की मांग, पूर्व विधायक ने किया जोरदार प्रदर्शन, वाहनों की लंबी कतार!**
दुर्ग, 20 अप्रैल 2025: छत्तीसगढ़ के दुर्ग में नेशनल हाईवे पर स्थित कुम्हारी टोल प्लाजा को बंद करने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। रायपुर के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने टोल प्लाजा पर धमाकेदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सांकेतिक चक्काजाम कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, जिससे रायपुर-दुर्ग मार्ग पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। पुलिस ने भारी बल तैनात कर स्थिति को नियंत्रित किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि टोल प्लाजा बंद न हुआ तो आंदोलन और तेज होगा।
**क्यों भड़का गुस्सा?**
पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने टोल प्लाजा को ‘गब्बर सिंह टोल टैक्स वसूली केंद्र’ का तमगा देते हुए इसे अवैध करार दिया। उन्होंने कहा, “कुम्हारी टोल प्लाजा की अवधि खत्म हो चुकी है, फिर भी केंद्रीय परिवहन विभाग वाहन चालकों से जबरन टोल वसूल रहा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में साफ कहा था कि 60 किलोमीटर के दायरे में कोई टोल वसूली नहीं होगी। टोल के आसपास के शहरों के लोगों को मुफ्त आवागमन का हक है, लेकिन यहां अवैध वसूली जारी है।”
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने ‘बीजेपी हाय-हाय’ और ‘टोल प्लाजा बंद करो’ के नारे लगाए। विकास उपाध्याय ने वाहन चालकों को गुलाब के फूल देकर टोल प्लाजा बंद करने के लिए समर्थन मांगा। करीब एक घंटे तक चक्काजाम की स्थिति रही, जिसे पुलिस ने खुलवाया।
**टोल प्रबंधन का जवाब**
कुम्हारी टोल प्लाजा के मैनेजर दिलीप सिंह ने सफाई दी कि टोल का टेंडर इस साल केसीसी नागपुर को मिला है और सरकार के नियमों के तहत ही वसूली हो रही है। उन्होंने कहा, “प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि स्थानीय वाहनों को छूट दी जाए और टोल बंद किया जाए। इसकी जानकारी एनएचएआई को दे दी गई है, उनके निर्देशों का पालन होगा।”
**पुलिस ने संभाला मोर्चा**
छावनी सीएसपी हरीश पाटिल ने बताया, “विकास उपाध्याय और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने टोल प्लाजा की व्यवस्था और वसूली के खिलाफ प्रदर्शन किया। सुरक्षा के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। स्थिति नियंत्रण में रही और चक्काजाम को तुरंत हटाया गया।”
**आगे क्या?**
पूर्व विधायक ने ऐलान किया कि अगर टोल प्लाजा बंद नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में और बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि टोल वसूली से उनकी जेब पर बोझ पड़ रहा है और रोजमर्रा का आवागमन मुश्किल हो गया है।