रायपुर में पुलिस की सख्ती का दिखा नज़ारा, पुराने विवाद में घर में घुसकर चाकू से हमला करने वालों को सरेआम घुमाया गया, पेट और सीने में मार किए जाने के बाद आरोपियों का निकाला गया जुलूस


 

रायपुर। राजधानी रायपुर में अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस प्रशासन ने एक बार फिर सख्ती दिखाई है। शहर के टिकरापारा थाना क्षेत्र में पुरानी रंजिश के चलते एक युवक के घर में घुसकर चाकू से जानलेवा हमला करने वाले आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों का सरेआम जुलूस निकालते हुए उन्हें पूरे इलाके में घुमाया, ताकि लोगों को यह संदेश मिल सके कि अपराध करने वालों के साथ अब सख्ती से निपटा जाएगा। इस पूरी कार्रवाई का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

क्या है पूरा मामला?

घटना टिकरापारा थाना क्षेत्र के एक मोहल्ले की है, जहां पुरानी दुश्मनी के चलते चार युवकों ने एक युवक के घर में घुसकर उस पर ताबड़तोड़ चाकू से हमला कर दिया। पीड़ित युवक को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है। डॉक्टरों के मुताबिक युवक के पेट और सीने में कई गंभीर चोटें आई हैं।

पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों की तलाश शुरू की और 24 घंटे के भीतर चारों युवकों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि यह हमला पुरानी रंजिश के चलते किया गया था, और पहले से ही बदला लेने की योजना बनाई गई थी।

सरेआम निकाला जुलूस

गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने इलाके में एक सख्त संदेश देने के उद्देश्य से चारों आरोपियों का जुलूस निकाला। पुलिस कर्मियों के साथ हथकड़ी में बंधे आरोपियों को इलाके की गलियों और मुख्य सड़क से गुजारा गया। इस दौरान पुलिस ने माइक पर ऐलान करते हुए कहा कि "जो कानून हाथ में लेगा, उसका यही अंजाम होगा।"

स्थानीय लोगों ने इस कार्रवाई का समर्थन किया और कहा कि पुलिस की यह पहल अपराधियों में डर पैदा करेगी। कई लोगों ने इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया, जो तेजी से वायरल हो रहा है।

पुलिस का बयान

टिकरापारा थाना प्रभारी ने बताया कि "यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि समाज में कानून का डर बना रहे। जो लोग यह सोचते हैं कि अपराध करके वे बच जाएंगे, उन्हें यह जान लेना चाहिए कि अब रायपुर पुलिस बिल्कुल सख्त है।"

उन्होंने बताया कि चारों आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास (IPC 307), घर में अनाधिकृत प्रवेश (IPC 452), और शस्त्र अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

लोगों में बढ़ा भरोसा

इस सख्त कार्रवाई के बाद इलाके में लोगों का पुलिस पर विश्वास बढ़ा है। स्थानीय निवासी राकेश वर्मा ने बताया, "पहले हम लोग डरते थे कि पुलिस कुछ नहीं करेगी, लेकिन अब लग रहा है कि वाकई पुलिस कुछ कर रही है। ऐसे ही अपराधियों को सरेआम सज़ा मिलनी चाहिए।"

कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी पुलिस की इस पहल की सराहना की और कहा कि अपराधियों को सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा करना अपराध की रोकथाम में एक प्रभावी तरीका हो सकता है। हालांकि, कुछ मानवाधिकार संगठनों ने इस पर सवाल भी उठाए हैं और इसे ‘पब्लिक शेमिंग’ करार दिया है।

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