"टिश्यू पेपर और सब्जियों के बीच ड्रग्स की तस्करी: दो सप्लायर समेत चार गिरफ्तार"



बिलासपुर, 19 मई:
छत्तीसगढ़ पुलिस ने अंतरराज्यीय ड्रग्स तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह अत्यंत चतुराई से ड्रग्स को आलू, प्याज और टिशू पेपर की कई परतों में छिपाकर पार्सल के जरिए राज्यों के बीच भेज रहा था। तीन दिनों में की गई सघन जांच और कार्रवाइयों में पुलिस ने कुल 12 ग्राम एमडीएम ड्रग्स जब्त की है। गिरोह के तार दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान से जुड़े हैं।

हाईटेक पैकिंग से पुलिस को चकमा देने की कोशिश

14 मई को उत्कल एक्सप्रेस से पकड़े गए एक पार्सल ने पूरे नेटवर्क का खुलासा किया। पार्सल में पावर बैंक बॉक्स में एक आलू और एक प्याज के बीच 8 ग्राम एमडीएम ड्रग्स छिपाई गई थी। 17 मई को संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से 3 ग्राम ड्रग्स की बरामदगी हुई, जिसे टिशू पेपर की 100 से अधिक परतों में छिपाया गया था। यह लेयरिंग इतनी सफाई से की गई थी कि ड्रग्स की पहचान करना बेहद कठिन हो गया था।

ट्रेन में तस्करी: अटेंडर और पेंट्रीकार का असिस्टेंट मैनेजर भी शामिल

14 मई को पुलिस ने उत्कल एक्सप्रेस से प्रदीप कुमार, असिस्टेंट मैनेजर (पेंट्रीकार) को गिरफ्तार किया। वहीं 17 मई को संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से विवेक यादव, एसी कोच अटेंडर को गिरफ्तार किया गया। दोनों ही आरोपी ड्रग्स को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहे थे।

सप्लाई चेन का खुलासा: दिल्ली से चोटिया तक पीछा

जब पुलिस को पार्सल की जानकारी मिली, तब दिल्ली से जुड़े सुराग के आधार पर टीम रवाना हुई। आरोपी उत्तर प्रदेश के वाराणसी में लोकेट हुआ, लेकिन पुलिस टीम के पहुंचने से पहले वह छत्तीसगढ़ में दाखिल हो गया। सीएसपी निमितेश सिंह के नेतृत्व में बनी संयुक्त टीम ने रतनपुर और बेलतरा टोल नाकों पर नाकेबंदी कर दिल्ली पासिंग गाड़ी की पहचान की।

सप्लायर समेत चार आरोपी गाड़ी समेत गिरफ्तार

चोटिया क्षेत्र में छापेमारी के दौरान पुलिस ने दिल्ली के सप्लायर शुभम दत्त, सुमित कुमार, तथा छत्तीसगढ़ के कोयला कारोबारी राजू सिंह (निवासी तिफरा इंदू अमेजिका) और रितेश शर्मा (निवासी मस्तूरी) को गिरफ्तार किया। इनके पास से ड्रग्स सप्लाई में इस्तेमाल की गई सीजी 04 सीरिज की गाड़ी भी जब्त की गई।

आपराधिक रिकॉर्ड और नेटवर्क की विस्तार जांच जारी

गिरफ्तार आरोपियों में से राजू सिंह और रितेश शर्मा के खिलाफ पूर्व में कई आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। पुलिस को पूछताछ में ड्रग्स मंगवाने वाले उपभोक्ताओं और अन्य सहयोगियों के बारे में भी अहम सुराग मिले हैं, जिनकी तफ्तीश जारी है।

दिल्ली से छत्तीसगढ़ तक फैला नेटवर्क

एडिशनल एसपी राजेंद्र जायसवाल ने शनिवार को बिलासागुड़ी पुलिस लाइन में प्रेस वार्ता के दौरान मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि यह नेटवर्क छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, रायपुर, जांजगीर, बलौदा बाजार सहित अन्य जिलों में ड्रग्स की खपत और तस्करी से जुड़ा हुआ है। युवाओं को महंगे और सूखे नशे की ओर खींचने वाला यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था।

पुलिस की सतर्कता से नाकाम हुई तस्करी

एसपी ने पुलिस टीम की तत्परता और तकनीकी निगरानी के जरिए की गई कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने कहा कि आधुनिक पैकिंग और ट्रेन के जरिए की जा रही तस्करी के बावजूद पुलिस की सूझबूझ और सतर्कता से यह गिरोह पकड़ा गया।

 

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