डोंगरगढ़ कुम्हारपारा स्थित एक शासकीय स्कूल में हुई चाकूबाजी की घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। घटना के तीन मुख्य आरोपियों को पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया है और न्यायालय में पेश करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है। यह मामला शहर में नाबालिगों के बढ़ते आपराधिक रुझान और स्कूलों में सुरक्षा की कमी को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।
घटना का विवरण
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुम्हारपारा इलाके के एक माध्यमिक शाला में सोमवार की दोपहर दो गुटों के बीच पुरानी रंजिश को लेकर विवाद हुआ। देखते ही देखते यह विवाद हिंसक रूप ले बैठा और स्कूल परिसर के अंदर ही चाकू से हमला कर दिया गया। इस घटना में दो छात्र घायल हो गए, जिन्हें तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों के अनुसार, घायलों की हालत अब स्थिर है लेकिन मानसिक रूप से वे बुरी तरह आहत हैं।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही गोलबाजार थाना पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को नियंत्रित किया। जांच में सामने आया कि हमला करने वाले तीन युवक स्कूल के ही पूर्व छात्र हैं और पहले भी उपद्रव में शामिल रहे हैं। पुलिस ने इन तीनों आरोपियों को अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की और बताया कि यह हमला पूर्व में हुए एक छोटे विवाद का बदला लेने के उद्देश्य से किया गया था।
थाना प्रभारी निरीक्षक आर.के. वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया, “हमने 24 घंटे के भीतर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से घटना में प्रयुक्त चाकू भी बरामद किया गया है। तीनों को धारा 307 (हत्या का प्रयास), 452 (घर में घुसकर हमला) और शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जेल भेजा गया है।”
स्कूल प्रबंधन पर सवाल
घटना के बाद से स्कूल प्रशासन पर भी सवाल उठने लगे हैं। स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था पर अभिभावकों ने नाराज़गी जताई है। घटना के समय स्कूल में सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं थे और न ही छात्रों की गतिविधियों पर विशेष निगरानी रखी जा रही थी। कई अभिभावकों ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन द्वारा समय-समय पर अनुशासनात्मक कदम नहीं उठाए जाते, जिससे इस प्रकार की घटनाएं सामने आती हैं।
स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती सविता दीवान ने कहा, “हम इस घटना से अत्यंत दुखी हैं। यह हमारे स्कूल के इतिहास में पहली बार हुआ है। प्रशासन से निवेदन है कि स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए और पुलिस गश्त बढ़ाई जाए।”
प्रशासन ने लिया संज्ञान
इस गंभीर घटना को देखते हुए जिला कलेक्टर और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्कूल का दौरा किया और स्थिति की समीक्षा की। कलेक्टर डॉ. नीलेश त्रिपाठी ने कहा कि “स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रक्रिया तेज की जाएगी। साथ ही, स्कूलों में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर पूर्णतः रोक लगाई जाएगी।” उन्होंने यह भी बताया कि छात्रों के बीच आपसी विवादों को हल करने के लिए एक मानसिक स्वास्थ्य सलाहकार नियुक्त करने की योजना बनाई जा रही है।
समाज में बढ़ती हिंसा पर चिंता
समाजशास्त्रियों का मानना है कि नाबालिगों के बीच बढ़ती हिंसक प्रवृत्तियां गहरी सामाजिक समस्या का संकेत देती हैं। सोशल मीडिया, फिल्मों और वीडियो गेम्स के अत्यधिक प्रभाव, पारिवारिक संवाद की कमी और असुरक्षित वातावरण इसकी मुख्य वजहें हो सकती हैं। इस घटना ने अभिभावकों, शिक्षकों और प्रशासन तीनों के लिए चेतावनी की घंटी बजा दी है।