दुर्ग यूनिवर्सिटी में बंद हुआ सुविधा केंद्र: ज्यादा शुल्क वसूलने की शिकायत पर कार्रवाई


 

दुर्ग, 18 मई 2025पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के अधीनस्थ दुर्ग यूनिवर्सिटी परिसर में संचालित एक सुविधा केंद्र को विश्वविद्यालय प्रशासन ने बंद करवा दिया है। यह कार्रवाई तब की गई जब छात्रों और अभिभावकों की ओर से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि सुविधा केंद्र द्वारा दस्तावेज़ों से संबंधित कार्यों के लिए निर्धारित शुल्क से कहीं अधिक पैसे वसूले जा रहे हैं।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि उक्त सुविधा केंद्र में छात्रों से मार्कशीट, माइग्रेशन, डिग्री प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों की प्रक्रिया के लिए तय दर से कहीं अधिक शुल्क वसूला जा रहा था। कई मामलों में तो यह शुल्क निजी दुकानों से भी अधिक था। विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि ₹50 से ₹100 के काम के लिए ₹300 तक वसूले जा रहे थे।

शिकायतें मिलने के बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन ने मामले की जांच करवाई। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि सुविधा केंद्र केवल निर्धारित दरों से अधिक राशि वसूल रहा था, बल्कि कई मामलों में पावती भी नहीं दी जा रही थी। छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।

विश्वविद्यालय प्रशासन का बयान

दुर्ग यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने प्रेस को बताया, “हम छात्रों की सुविधाओं के लिए सुविधा केंद्र चालू करते हैं, कि शोषण के लिए। जब हमें शिकायतें मिलीं, हमने तुरंत जांच शुरू की और जांच में अनियमितताएं पाई गईं। इसीलिए उस सुविधा केंद्र को तत्काल प्रभाव से बंद करवा दिया गया है।”

उन्होंने यह भी कहा कि अब विश्वविद्यालय परिसर में एक नया सुविधा केंद्र जल्द ही खोला जाएगा, जिसमें पारदर्शी व्यवस्था लागू की जाएगी। साथ ही, छात्रों को डिजिटल मोड में अधिक विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि उन्हें बार-बार सुविधा केंद्र जाने की आवश्यकता पड़े।

छात्रों ने जताई राहत की भावना

सुविधा केंद्र बंद होने के बाद कई छात्रों ने राहत की सांस ली है। बीए अंतिम वर्ष की छात्रा रश्मि साहू ने कहा, “हम कई बार शिकायत करना चाहते थे लेकिन डर के कारण चुप रह जाते थे। अच्छा हुआ कि अब आवाज़ उठाने का असर हुआ।”

बीकॉम के छात्र राकेश वर्मा ने बताया, “हम जैसे मध्यमवर्गीय छात्रों के लिए ₹100 भी मायने रखता है। बार-बार अतिरिक्त शुल्क देना भारी पड़ता था।”

नई व्यवस्था की तैयारी

विश्वविद्यालय अब डिजिटल सुविधाओं को बढ़ावा देने की योजना बना रहा है। ऑनलाइन आवेदन, शुल्क भुगतान और दस्तावेज़ों की डिलीवरी की प्रक्रिया पर तेजी से काम हो रहा है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में छात्र बिना किसी परेशानी के अपने दस्तावेज़ ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त कर सकेंगे।

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