धमतरी, छत्तीसगढ़ – जिले के एक सुनसान पड़े गोदाम से बरामद हुए चार साल पुराने कंकाल ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। घटना शहर के बाहरी क्षेत्र स्थित कंडेल रोड की है, जहां एक परित्यक्त गोदाम के सेप्टिक टैंक से मानव कंकाल मिलने के बाद पुलिस और फॉरेंसिक टीम हरकत में आ गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक स्वयं मौके पर पहुंचे और जांच प्रक्रिया की निगरानी की।
पुराने गोदाम से उठी बदबू ने खोला राज
स्थानीय लोगों के अनुसार, कई दिनों से गोदाम से दुर्गंध आने की शिकायतें मिल रही थीं। शुरुआत में लोगों ने इसे जानवर के सड़ने की आशंका मान कर अनदेखा किया, लेकिन बदबू बढ़ने पर इलाके के कुछ युवाओं ने गोदाम की तलाशी लेने का निर्णय लिया। जब सेप्टिक टैंक का ढक्कन खोला गया तो उसमें से एक मानव कंकाल दिखाई दिया। घबराए लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
पुलिस की प्रारंभिक कार्रवाई
सूचना मिलते ही कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और पूरे क्षेत्र को घेराबंदी कर लिया गया। सेप्टिक टैंक से कंकाल को बाहर निकालने के लिए नगर निगम की मदद ली गई। मौके पर फॉरेंसिक टीम भी बुला ली गई, जिसने कंकाल के अवशेषों को सुरक्षित तरीके से बाहर निकालकर डीएनए जांच के लिए भेजा।
धमतरी के पुलिस अधीक्षक अक्षय कुमार ने बताया कि कंकाल चार साल से अधिक पुराना प्रतीत हो रहा है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह गोदाम पिछले कई वर्षों से बंद पड़ा था और इसमें किसी प्रकार की गतिविधि नहीं हो रही थी। उन्होंने बताया कि यह आत्महत्या का मामला भी हो सकता है या हत्या कर साक्ष्य छिपाने की कोशिश।
गोदाम मालिक से पूछताछ शुरू
पुलिस ने गोदाम के मालिक का पता लगाकर उससे पूछताछ शुरू कर दी है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह गोदाम एक निजी व्यापारी के नाम पर रजिस्टर्ड है, जो पिछले चार वर्षों से शहर में नहीं रह रहा। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि गोदाम बंद होने के बाद इसकी निगरानी कौन करता था और आखिरी बार गोदाम में कौन आया था।
स्थानीय लोगों में भय और कौतूहल
घटना के बाद से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। स्थानीय निवासी रेखा साहू ने बताया, "हम लोग इस गोदाम के पास से रोज गुजरते हैं लेकिन कभी नहीं सोचा था कि अंदर ऐसा कुछ हो सकता है। अब तो बच्चों को अकेले बाहर भेजने में भी डर लग रहा है।" वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यह मामला किसी संगठित अपराध से जुड़ा हो सकता है।
गुमशुदगी के मामलों से जोड़ने की कोशिश
पुलिस अब पुराने गुमशुदगी के मामलों की फाइल खंगाल रही है। पिछले चार वर्षों में धमतरी और आसपास के क्षेत्रों से लापता हुए लोगों की सूची तैयार की जा रही है। डीएनए रिपोर्ट आने के बाद कंकाल की पहचान करने की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। पुलिस को उम्मीद है कि रिपोर्ट से मामले की गुत्थी सुलझाने में मदद मिलेगी।
फॉरेंसिक रिपोर्ट से खुलेगा राज
फॉरेंसिक विशेषज्ञों के अनुसार, कंकाल की हड्डियों की संरचना और आसपास के अवशेषों से यह पता चल सकता है कि व्यक्ति की मौत कैसे हुई – ज़हर देकर, सिर पर वार कर या किसी अन्य तरीके से। इसके अलावा, सेप्टिक टैंक में किसी और वस्तु की उपस्थिति भी जांच के दायरे में है।
मामले पर प्रशासन सख्त
जिला कलेक्टर नीलिमा झा ने कहा कि मामले की जांच में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। अगर यह हत्या का मामला है, तो दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि अगर किसी को चार साल पहले किसी के लापता होने की जानकारी है तो वह पुलिस से संपर्क करें।