छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक दिव्यांग युवक ने आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि युवक खुद सड़क पर खड़े ट्रक के नीचे चला गया, जिससे उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। यह मामला जिले के बालको थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के अनुसार, मृतक युवक का नाम कन्हैया देवांगन था, जो परसाभाठा बस्ती का रहने वाला था। कन्हैया दिव्यांग था और सामान्य रूप से चलने-फिरने में असमर्थ था। वह बालको स्थित एक निजी कंपनी—ए के सिन्हा कंपनी में हेल्पर सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत था। घटना 18 जून की सुबह की है, जब कन्हैया रोज की तरह सुबह की सैर पर निकला था। उसी दौरान यह दुखद घटना घटी।
परिजनों ने बताया कि कन्हैया हर दिन की तरह सुबह करीब 5:30 बजे मॉर्निंग वॉक के लिए घर से निकला था। करीब 6:15 बजे उन्हें सूचना मिली कि सड़क पर उसका गंभीर एक्सीडेंट हो गया है। जब परिजन घटनास्थल पर पहुंचे, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। युवक अविवाहित था और परिवार के साथ रहकर कई वर्षों से निजी कंपनी में कार्य कर रहा था।
शुरुआत में इस घटना को हादसा माना गया था, लेकिन बाद में परिस्थितियों के विश्लेषण से यह सामने आया कि युवक ने जानबूझकर खुद को ट्रक के नीचे ला दिया था। स्थानीय लोगों ने बताया कि युवक घटनास्थल पर कुछ देर तक जीवित रहा, लेकिन बाद में उसकी मौत हो गई।
घटना की सूचना मिलते ही बालको थाना पुलिस मौके पर पहुंची और आवश्यक कार्रवाई शुरू की। कोरबा सीएसपी भूषण एक्का ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया था। जांच के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया है। अधिकारी ने बताया कि इस मामले में सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है।
फिलहाल आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। युवक मानसिक तनाव में था या किसी अन्य वजह से ऐसा कदम उठाया, यह अब जांच का विषय है। पुलिस मृतक के परिजनों और परिचितों से पूछताछ कर रही है ताकि आत्महत्या के पीछे की वजह का पता लगाया जा सके।
यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है और स्थानीय लोग इसे लेकर गहरी संवेदना जता रहे हैं। दिव्यांग युवक द्वारा उठाया गया यह कदम कई सवाल खड़े कर रहा है, खासकर मानसिक स्वास्थ्य और जीवन की चुनौतियों को लेकर समाज में संवाद की जरूरत को उजागर करता है।
प्रशासन की ओर से भी अपील की जा रही है कि यदि कोई व्यक्ति मानसिक तनाव या अवसाद से जूझ रहा है, तो परिवार और समाज को मिलकर उसे सहयोग और संबल देना चाहिए ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।