6 गाड़‍ियों को माइनिंग में चलाने का झांसा देकर 14 लाख की ठगी, दो आरोपी गिरफ्तार


ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े एक कारोबारी से माइनिंग ठेके में गाड़‍ियां चलवाने का झांसा देकर दो युवकों ने उसकी 6 गाड़‍ियां ले लीं और करीब 6 महीने तक न किराया दिया और न ही वाहन वापस लौटाए। ट्रांसपोर्टर की शिकायत पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

ग्राम मोरिद वार्ड 39 निवासी शोभाराम साहू ने सिटी कोतवाली में दर्ज शिकायत में बताया कि वह ट्रांसपोर्ट व्यवसाय करता है। सेक्टर-8 सड़क नंबर 41 निवासी लोकेश नेताम और आनंद बिहार फेस-2 निवासी स्वप्निल शिंदे उससे संपर्क में आए और खुद को रूलबर्ड वाइट साफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का डायरेक्टर बताया। दोनों ने कहा कि उनकी कंपनी कोल माइनिंग क्षेत्र में काम करती है और उनकी कोरबा, बिलासपुर, अंबिकापुर, रायगढ़ सहित कई जगहों की कोल खदानों में पहुंच है। उन्होंने बताया कि उनके अच्छे संबंध खनन कंपनियों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों से हैं, जिससे उन्हें बड़े टेंडर मिल जाते हैं।

आरोपियों ने शोभाराम को भरोसे में लेकर कहा कि उनकी 12 चक्का ट्रकों की जरूरत है, जो माइनिंग कार्य में लगाए जाएंगे। दोनों ने प्रति ट्रक 2.40 लाख रुपए मासिक किराया देने का वादा किया और कुल 6 ट्रक किराए पर ले लिए। इस तरह हर महीने 14.40 लाख रुपए का भुगतान किया जाना था।

ट्रांसपोर्टर शोभाराम साहू ने भरोसा कर अपनी छह गाड़ियों को आरोपियों के हवाले कर दिया। लेकिन छह महीने बीत जाने के बाद भी न तो उन्हें किसी तरह का किराया मिला और न ही उनकी गाड़‍ियां वापस की गईं। जब उन्होंने लगातार संपर्क किया, तब भी दोनों आरोपी टालमटोल करते रहे। बाद में उन्होंने दोनों से गाड़‍ियां वापस मांगी तो उन्होंने अनदेखी शुरू कर दी।

परेशान होकर ट्रांसपोर्टर ने पुलिस की शरण ली। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने दोनों आरोपियों लोकेश नेताम और स्वप्निल शिंदे के खिलाफ धारा 316(2) और 318(4) आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने अपराध स्वीकार कर लिया।

पूछताछ के बाद दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पुलिस अब ट्रांसपोर्टर की गाड़‍ियों की बरामदगी और आरोपियों के नेटवर्क की जांच में जुटी है। साथ ही, यह भी पड़ताल की जा रही है कि इन आरोपियों ने इसी तरह और किसी अन्य व्यक्ति को भी शिकार तो नहीं बनाया है।

पुलिस का अपील: आम नागरिकों और ट्रांसपोर्टरों से पुलिस ने अपील की है कि किसी भी अनजान व्यक्ति से व्यवसायिक लेन-देन करने से पहले उसके दस्तावेज, कंपनी का सत्यापन और ठोस अनुबंध अवश्य करें ताकि ऐसी धोखाधड़ी से बचा जा सके।

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