(धरसींवा क्षेत्र में अंडर ब्रिज की मांग पर अड़े ग्रामीण, पुलिस पर पथराव, दो दर्जन पर FIR)
रायपुर। धरसींवा थाना क्षेत्र में मंगलवार दोपहर एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। रायपुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे पर एक तेज रफ्तार हाइवा ट्रक की चपेट में आने से 12 वर्षीय मासूम मोंटू घृतलहरे की मौके पर ही मौत हो गई। हादसा इतना भयावह था कि बच्चे का सिर हाइवा के पहिए के नीचे बुरी तरह कुचल गया। यह घटना दोपहर करीब 2 बजे की बताई जा रही है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मोंटू साइकिल पर था और अचानक हाइवा ने उसे टक्कर मार दी, जिससे वह सड़क पर गिरा और पहिए की चपेट में आ गया। हादसे के बाद आरोपी ट्रक ड्राइवर मौके से फरार हो गया, लेकिन पुलिस ने हाइवा वाहन को जब्त कर लिया है।
सड़क पर उतरे ग्रामीण, 4 घंटे तक हाईवे रहा जाम
हादसे की खबर फैलते ही आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग जुट गए और गुस्साए ग्रामीणों ने रायपुर-बिलासपुर हाईवे को पूरी तरह से जाम कर दिया। चक्काजाम करीब 4 घंटे तक चला, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित रहा। प्रदर्शनकारी मोंटू के परिजनों को मुआवजा देने और दुर्घटना स्थल पर अंडर ब्रिज बनाए जाने की मांग पर अड़े रहे।
अंडर ब्रिज की मांग वर्षों पुरानी
ग्रामीणों का कहना है कि इस जगह पर लंबे समय से अंडर ब्रिज बनाने की मांग की जा रही है, क्योंकि यह क्षेत्र हाईवे से सटा हुआ है और स्कूल जाने वाले बच्चों व राहगीरों के लिए बेहद असुरक्षित है। कई बार इस मांग को लेकर प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा गया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। ग्रामीणों का कहना है कि अगर अंडर ब्रिज होता, तो इस मासूम की जान बच सकती थी।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प
प्रदर्शन के दौरान स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई जब भीड़ ने पुलिस से धक्का-मुक्की शुरू कर दी। बहसबाजी के बाद मामला पथराव तक पहुंच गया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया, जिससे मौके पर तनाव फैल गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया और भीड़ को तितर-बितर किया।
मौके पर खमतराई क्षेत्र के सीएसपी, एएसपी समेत आधे दर्जन थानों की पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी तैनात किए गए। किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन माहौल बेहद तनावपूर्ण बना रहा।
दो दर्जन से ज्यादा लोगों पर दर्ज हुई एफआईआर
धरसींवा पुलिस ने इस पूरे मामले में कार्रवाई करते हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा और पथराव करने वाले करीब दो दर्जन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। इनमें अज्ञात और कुछ नामजद आरोपी शामिल हैं। पुलिस द्वारा सीसीटीवी और वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है।
प्रशासन पर सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर क्यों जनहित से जुड़ी मूलभूत संरचनाओं को नजरअंदाज किया जाता है? हादसे के बाद उठी अंडर ब्रिज की मांग सिर्फ आक्रोश नहीं, बल्कि सुरक्षा की गुहार है।
अंतिम संस्कार से पहले न्याय की मांग
मोंटू के परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार तब तक नहीं करने की बात कही जब तक प्रशासन द्वारा मुआवजा और अंडर ब्रिज निर्माण को लेकर ठोस आश्वासन न मिले। प्रशासनिक अधिकारियों ने परिजनों से बातचीत कर उन्हें आश्वासन देने की कोशिश की है।
यह दर्दनाक हादसा न केवल एक मासूम की जान ले गया, बल्कि प्रशासन की लापरवाही और बुनियादी सुविधाओं की कमी को भी उजागर कर गया। ग्रामीणों का कहना है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं, तो आगे और उग्र आंदोलन किया जाएगा।