पाकिस्तान पर गुस्सा, छत्तीसगढ़ में आतिशबाजी: शहीद मिरानिया के परिवार की मांग – "दुनिया के नक्शे से मिटा दो पाकिस्तान को"
छत्तीसगढ़ के छोटे से गांव मिरानिया में मातम और गुस्सा एक साथ उमड़ पड़ा है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए जवान नीरज मिरानिया की शहादत की खबर जैसे ही उनके गांव पहुँची, पूरा इलाका गम और गुस्से की लपटों में घिर गया। देशभक्ति का जुनून इस कदर था कि शहीद को अंतिम विदाई देने के बाद गांववालों ने पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाए और आतिशबाजियों से विरोध जताया।
शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव, आंखें नम और मुट्ठियाँ तनीं
नीरज मिरानिया का पार्थिव शरीर जब उनके पैतृक गांव पहुंचा, तो हजारों लोग अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े। भारत माता की जय, वंदे मातरम् और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारों से आसमान गूंज उठा। हर कोई भावुक था, लेकिन गुस्सा भी उतना ही था।
उनके पिता रघुवीर मिरानिया ने कहा, "हमने अपना बेटा देश के लिए कुर्बान कर दिया है। अब देश को इस कुर्बानी का जवाब देना चाहिए। पाकिस्तान को दुनिया के नक्शे से मिटा देना चाहिए।"
छत्तीसगढ़ में विरोध का अनोखा तरीका: आतिशबाजी और जनसभा
शहीद के अंतिम संस्कार के बाद गांव के युवाओं और स्थानीय लोगों ने एकत्र होकर पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया। परंपरागत विरोध के बजाय, उन्होंने एक अनोखा तरीका अपनाया – विरोध की आग को आतिशबाजी से व्यक्त किया। गगनचुंबी आतिशबाजी के बीच पाकिस्तान के झंडे जलाए गए और एकत्र जनसमूह ने दो टूक संदेश दिया – अब बर्दाश्त नहीं करेंगे।
स्थानिक युवक नेता दीपक वर्मा ने कहा, "हम बार-बार अपने जवानों को खोते जा रहे हैं। सरकार को चाहिए कि पाकिस्तान को करारा जवाब दे। सिर्फ निंदा और कड़ी चेतावनी अब पर्याप्त नहीं है।"
सोशल मीडिया पर पब्लिक रिएक्शन: "अब आर-पार की लड़ाई होनी चाहिए"
सोशल मीडिया पर भी इस हमले के बाद जबरदस्त जनाक्रोश देखने को मिला। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लोग एकजुट होकर सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
एक ट्विटर यूजर ने लिखा, "हर बार कैंडल मार्च और शोक सभा होती है, लेकिन पाकिस्तान आज भी जिंदा है। अब वक्त है आर-पार की लड़ाई का।"
वहीं एक फेसबुक पोस्ट में लिखा गया, "शहीद नीरज का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। भारत को जवाब देना होगा, और वो भी ऐसा कि फिर कोई दुश्मन आंख उठाकर न देख सके।"
सेना और सरकार की प्रतिक्रिया
हमले के बाद सेना की तरफ से बयान आया है कि दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा और उन्हें जल्द ही उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। वहीं, केंद्र सरकार ने हमले की निंदा करते हुए जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि जवाब “ठोस और निर्णायक” होगा।
गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और सीमावर्ती इलाकों में निगरानी तेज कर दी गई है।
क्या यह जनभावना युद्ध की ओर इशारा है?
यह पहला मौका नहीं जब किसी आतंकी हमले के बाद देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश फूटा हो, लेकिन इस बार की तीव्रता कुछ अलग है। मिरानिया गांव में उठी आवाज देश के हर कोने में गूंज रही है। यह महज़ एक गांव की पुकार नहीं, बल्कि पूरे देश की चेतावनी है – अब और नहीं।