बिलासपुर। शहर के समीप स्थित एक गांव में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन को लेकर चल रहे विवाद ने मंगलवार की शाम उस समय हिंसक मोड़ ले लिया, जब दो पक्षों के बीच कहासुनी के बाद गोली चल गई। इस घटना में एक युवक घायल हो गया है, जिसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायल युवक की हालत स्थिर बताई जा रही है। घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है, वहीं पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह घटना तखतपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक गांव में घटी, जहाँ लंबे समय से रेत खनन का अवैध धंधा चल रहा है। बताया जा रहा है कि दो स्थानीय गुटों के बीच रेत के परिवहन और उससे जुड़े लेन-देन को लेकर पुराना विवाद चल रहा था। मंगलवार को इसी विवाद को लेकर दोनों गुट आमने-सामने आ गए। पहले तो विवाद कहासुनी तक सीमित रहा, लेकिन जल्द ही बात हाथापाई और फिर फायरिंग तक पहुंच गई।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, दोनों पक्षों के बीच पैसे की मांग और हिस्सेदारी को लेकर बहस हो रही थी। इसी दौरान अचानक एक युवक ने फायरिंग कर दी, जिससे सामने खड़े युवक के पैर में गोली लग गई। घटना के बाद दोनों पक्ष वहां से भाग निकले। आसपास के ग्रामीणों ने घायल युवक को नजदीकी अस्पताल पहुँचाया, जहाँ प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया।
घायल युवक की पहचान 24 वर्षीय रवि (परिवर्तित नाम) के रूप में हुई है। पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक पूछताछ में रवि ने बयान दिया है कि गोली गलती से चल गई। रवि का कहना है कि किसी को डराने के लिए हथियार निकाला गया था, लेकिन अचानक वह फायर हो गया और वह खुद घायल हो गया। हालांकि पुलिस इस बयान की पुष्टि नहीं कर रही है और इसे जांच का विषय मान रही है।
पुलिस अधीक्षक ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि घटना के बाद तत्काल एक टीम मौके पर भेजी गई थी। घटनास्थल से एक देशी कट्टा और कुछ खोखे बरामद किए गए हैं। साथ ही, आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर जांच आगे बढ़ाई जा रही है। कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ जारी है।
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि यह इलाका पिछले कुछ समय से अवैध रेत उत्खनन और तस्करी का केंद्र बना हुआ है। कई बार प्रशासन द्वारा छापेमारी की गई, लेकिन स्थानीय दबाव और मिलीभगत के कारण यह कारोबार अब भी बेरोक-टोक जारी है। वहीं, इस घटना ने फिर एक बार प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्थानीय ग्रामीणों ने भी रेत माफियाओं की गतिविधियों से परेशान होकर कई बार शिकायत की है। उनका कहना है कि जब तक प्रशासन सख्त कदम नहीं उठाता, तब तक इस तरह की घटनाएँ होती रहेंगी। कुछ ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि कई बार पुलिस की मौजूदगी में भी रेत की अवैध ढुलाई होती है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती।
फिलहाल, पुलिस ने इस मामले में धारा 307 (हत्या की कोशिश), 147 (दंगा), और 25 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि हथियार लाइसेंसी था या अवैध रूप से रखा गया था।
अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और रेत माफियाओं के खिलाफ विशेष अभियान भी चलाया जाएगा।