भिलाई, छत्तीसगढ़ शाम को भिलाई शहर में अचानक सायरन की आवाज गूंजी और चंद मिनटों में पूरा शहर अंधेरे में डूब गया। घरों, दुकानों और सड़कों की सभी लाइटें बंद कर दी गईं। गाड़ियां सड़क किनारे रुक गईं और लोग चौंककर बाहर निकल आए। यह कोई वास्तविक खतरा नहीं था, बल्कि एक सुनियोजित मॉक ड्रिल थी, जिसका उद्देश्य नागरिकों को आपात स्थिति, विशेष रूप से हवाई हमले की आशंका में सतर्क और तैयार रखना था।
प्रशासन की ओर से की गई इस सुरक्षा अभ्यास की योजना पहले से बनाई गई थी, लेकिन इसकी पूर्व सूचना जनता को नहीं दी गई थी ताकि उनकी वास्तविक प्रतिक्रिया को परखा जा सके। ड्रिल के दौरान अधिकारियों की टीम अलग-अलग इलाकों में मौजूद रही और नागरिकों को बताया गया कि हवाई हमले की स्थिति में कैसे सतर्क रहें, लाइटें बंद करना क्यों जरूरी है, और कहां शरण लेनी चाहिए।
सड़कों पर कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल रहा, लेकिन प्रशासन की टीम ने स्थिति को संभालते हुए लोगों को शांत और जागरूक किया। कई नागरिकों ने सोशल मीडिया पर इसे लेकर हैरानी जताई, लेकिन बाद में जब उन्हें अभ्यास की जानकारी मिली, तो उन्होंने इसे सराहा।
भिलाई नगर निगम और स्थानीय पुलिस अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में भी ऐसे अभ्यास समय-समय पर किए जाएंगे ताकि शहर किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रह सके।