रायपुर, छत्तीसगढ़।
ईरान में जारी तनाव के बीच रायपुर की एक मेडिकल स्टूडेंट अपने कॉलेज के हॉस्टल में फंसी हुई है। इस बीच उसकी मां द्वारा भेजा गया आखिरी भावुक संदेश अब चर्चा का विषय बन गया है। मां ने अपनी बेटी से कहा – “ऐमन, अपने और बच्चों का ध्यान रखना।” इसके बाद से बेटी की ओर से कोई जवाब नहीं आया है, जिससे परिवार की चिंता और भी बढ़ गई है।
यह मामला रायपुर के मौदहापारा इलाके का है, जहां रहने वाली नसरीन खान की 23 वर्षीय बेटी ऐमन खान ईरान के मशहद शहर में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। वह पिछले चार वर्षों से वहां रह रही है। 15 जून के बाद से ईरान में हालात बिगड़ने लगे, और अब हालात युद्ध जैसे बनते जा रहे हैं। इसी बीच ऐमन से संपर्क टूट जाने से परिजनों की बेचैनी लगातार बढ़ रही है।
मां की आखिरी चैट: “अपना ध्यान रखना…”
नसरीन ने बताया कि उन्होंने आखिरी बार अपनी बेटी से 17 जून को बात की थी। वीडियो कॉल के दौरान ऐमन डरी हुई थी और बोली – “मम्मी, यहां आस-पास बम गिरने की आवाजें आ रही हैं। कॉलेज बंद है, खाने-पीने की भी दिक्कत हो रही है।” मां ने रोते हुए कहा – “बेटा, तू बस किसी तरह सुरक्षित रह। मैं दुआ कर रही हूं।” इसके बाद नसरीन ने चैट पर लिखा –
“ऐमन, अपने और बच्चों का ध्यान रखना। जो भी हो, हॉस्टल से बाहर मत निकलना।”
इस मैसेज के बाद ऐमन की तरफ से कोई रिप्लाई नहीं आया। न कॉल लग रहा है, न कोई मैसेज आ रहा है।
ईरान में बिगड़ते हालात
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान में बीते कुछ हफ्तों से हिंसक प्रदर्शन और मिलिट्री मूवमेंट तेज हो गया है। मशहद, जहां ऐमन पढ़ाई कर रही है, वहां कई इलाकों में इंटरनेट पूरी तरह बंद कर दिया गया है। कई देशों ने अपने नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया है, लेकिन भारत सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि भारत के छात्र कब और कैसे सुरक्षित वापस लौटेंगे।
रायपुर में तनाव का माहौल
ऐमन के परिवार के सदस्य दिन-रात सोशल मीडिया और समाचार चैनलों से हालात पर नजर बनाए हुए हैं। पिता जाकिर खान ने बताया –
“हम हर स्तर पर मदद मांग रहे हैं – विदेश मंत्रालय, स्थानीय प्रशासन, सांसद और विधायक से भी संपर्क किया है। हमें बस अपनी बेटी की सलामती की खबर चाहिए।”
पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने भी परिवार को ढांढस बंधाया है, लेकिन एक मां की आंखें लगातार दरवाजे पर टिकी हैं – शायद बेटी की कोई खबर मिल जाए।
सरकार से गुहार
परिवार ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र भेजकर बेटी की सुरक्षा और जल्द से जल्द भारत वापसी की मांग की है। उन्होंने ट्विटर (अब X) पर भी मदद की गुहार लगाई है। इस अपील को अब कई लोगों ने री-ट्वीट किया है और सोशल मीडिया पर #BringBackAiman ट्रेंड करने लगा है।
कॉलेज का बयान
ईरान के मशहद मेडिकल यूनिवर्सिटी की ओर से एक ईमेल में जानकारी दी गई है कि सभी विदेशी छात्रों को हॉस्टल में रहने की सलाह दी गई है और किसी भी स्थिति में बाहर नहीं निकलने को कहा गया है। खाने-पीने की चीजें सीमित रूप से उपलब्ध कराई जा रही हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन भारतीय दूतावास से संपर्क में है।
उम्मीद बाकी है
हालात गंभीर जरूर हैं, लेकिन परिवार को अभी भी उम्मीद है कि ऐमन सुरक्षित है। नसरीन कहती हैं –
“मां का दिल कहता है कि मेरी बेटी ठीक है, बस वह हमसे संपर्क नहीं कर पा रही। जब वह लौटेगी, तो मैं उसे सीने से लगाकर कभी दूर नहीं जाने दूंगी।”
देशभर में कई ऐसे छात्र हैं जो इस समय ईरान में फंसे हैं। रायपुर की ऐमन खान की यह कहानी न सिर्फ एक मां-बेटी की भावनात्मक बंधन को दर्शाती है, बल्कि यह भी याद दिलाती है कि संकट के समय अपनों की सलामती से बढ़कर कुछ नहीं। अब सबकी नजर भारत सरकार पर है – क्या वह अपने इन बच्चों को सही सलामत घर ला पाएगी?